पटना : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए देशवासियों का दिल जीत लिया है। इस अभियान में सेना की बहादुरी और रणनीतिक सफलता की पूरे देश और दुनिया में चर्चा हो रही है। सेना के इसी पराक्रम को देखते हुए बिहार में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को स्कूल के सिलेबस में शामिल करने की मांग उठ रही है। बता दें कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करेगा।
हम CM पुष्कर धामी के फैसले का स्वागत करते हैं – मंत्री नीरज कुमार बबलू
बिहार सरकार के पिएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि हम उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के फैसले का स्वागत और अभिनंदन करते हैं। उन्होंने बड़ा ही अच्छा फैसला लिया है। हम भी बिहार सरकार से यह मांग करते हैं कि हमारी सेवा के जो शौर्य गाथा है जो उनके पराक्रम है वह हमारे आगे आने वाली जनरेशन यह जान सके कि उन्होंने अपने देश के लिए कितना बड़ा बलिदान दिया है और उनके पराक्रम को हम सलाम करते हैं। इसलिए हमारी बिहार सरकार और केंद्र की सरकार से साफतौर पर यह मांग है कि बिहार और देश के तमाम स्कूलों में संस्कृत विद्यालयों और मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर के पाठ्यक्रम को शामिल किया जाना चाहिए।
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देश की स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया उन वीर सपूतों की गाथा पाठ्यक्रमों में पढ़ाई ही जाती है – मृत्युंजय तिवारी
मंत्री नीरज कुमार बबलू ने साफतौर पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों से यह मांग कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर को पूरे देश के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इसके बाद राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने साफतौर पर कहा कि यह तो सबको पता है कि जिन लोगों ने देश की स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया उन वीर सपूतों के योगदान की गाथा पाठ्यक्रमों में पढ़ाई ही जाती है। मुझे तो सबसे अच्छी बात है कि अपने सेवा के स्वाद और पराक्रम की गाथा को सिलेबस में पढ़ाया जाए। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो सीजफायर हुआ। ऐसे में यह सीजफायर अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता में हुआ। ऐसे में भारत ने कभी भी किसी दूसरे देश की मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं की है। इस पर सरकार ने किसी भी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया। ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि अमेरिका की मध्यस्था का क्या हुआ जो सरकार की असफलता को साफतौर पर दर्शाता है।
बिहार में भी उठी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सिलेबस में शामिल करने की मांग
उत्तराखंड की इस पहल के बाद अब बिहार में भी ऐसी मांग जोर पकड़ने लगी है। बिहार सरकार के कई मंत्री और विधायक चाहते हैं कि बिहार के स्कूलों, मदरसों और संस्कृत विद्यालयों में भी ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने उत्तराखंड की तरह बिहार में भी यह विषय पढ़ाए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि देश के बच्चों को सेना की बहादुरी की जानकारी मिलनी चाहिए, ताकि वे भी गौरवान्वित महसूस करें और प्रेरित हों।
JDU ने भी किया समर्थन
जदयू के मुख्य प्रवक्ता व बिहार विधान परिषद (MLC) नीरज कुमार ने उत्तराखंड के निर्णय को सराहते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार भी इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह एक स्वागतयोग्य फैसला होगा। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेना के पराक्रम पर राजनीति करना उचित नहीं है।

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महीप राज की रिपोर्ट
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