एसके राजीव की रिपोर्ट
पटना : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं और महागठबंधन के पक्ष में जनता को गोलबंद करने में जुटे हैं। तुषार इसी क्रम में अपने परदादा बापू की कर्मभूम मोतिहारी पहुंचे जहां गांधी जी से जुड़ी हुई चिजों को अवलोकन करने के बाद तुषार स्थानीय लोगों के साथ संवाद करने लगे। गांधी के प्रपौत्र तुषार ने जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार का विरोध कर महागठबंधन के पक्ष में बोलना शुरू किया। वैसे ही स्थानीय तुरकौलिया पंचायत के मुखिया विनय साह ने तुषार का विरोध यह कहकर शुरू कर दिया की आंख होने के वावजूद आपको अगर नहीं दिखाई दे रहा है तो आप रतौंधी के शिकार हैं। बात इतनी बढ़ गई की तुषार गांधी को कार्यक्रम छोड़कर वापस जाना पड़ा।
गांधी ने मोतिहारी से ही सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी
आपको बताते चलें कि मोतिहारी से ही गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत अंग्रेजों को भगाने के लिए की थी जननेता के तौर पर देश के पटल पर खुद को स्थापित भी किया था। लेकिन अपने परदादा की जमींन पर ही उनके प्रपौत्र तुषार का यह विरोध यह बताने के लिए काफी है कि बिहार में विकास के मायने और मतलव अव लोग समझने लगे हैं। हालांकि इस बार भी विपक्ष मोदी और नीतीश सरकार को घेरने में जुटा है। शहरों में बैठकर नेता प्रतिपक्ष सरकार के दावों पर खरी खोटी सुना पत्रकारों के सूत्र को मुत्र बता रहे हैं। लेकिन इससे ठीक इतर गांव में सरकार के विकास मॉडल की चर्चा इस कदर हो रही है कि गांधी के प्रपौत्र को उनकी हीं सरजमीं पर मुंह की खानी पड़ रही है। तुषार स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि के विरोध के बाद सकते में हैं और सरकार के विरोध में अपनी आवाज को बुलंद कर बिहार बदलाव यात्रा को जारी रखने की बात कहते हैं। तो क्या नीतीश-मोदी के विकास का विरोध सुनने को अब बिहार तैयार नहीं है।
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