पलामू में 1984 के बाद क्यों नहीं चला पंजा ! जानें इस सीट का पूरा इतिहास…

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रांची : आज हम झारखंड की लोकसभा सीट पलामू पर बात करेंगे.

पलामू लोकसभा झारखंड की एकमात्र एससी आरक्षित यानी अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. इस सीट पर जो भी उम्मीदवार चुनाव में खड़े होंगे वो अनुसूचित जाति के ही हो सकते हैं, चाहे वो किसी भी पार्टी से हो.

बीते दो टर्म से यानी 2014 और 2019 में पलामू लोकसभा सीट पर भाजपा के विष्णु दयाल राम यानी वीडी राम सांसद हैं. और अब भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी वीडी राम को ही मौका दिया है. बता दें बीडी राम 1973 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं और वो पटना के एसएसपी और झारखंड के डीजीपा भी रह चुके हैं. और अपने रिटायरमेंट के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और भाजपा में शामिल हो गए, वर्तमान में वीडी राम संसद में पलामू लोकसभा का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं.

भाजपा ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा पहले ही कर दी है लेकिन अब महागठबंधन की ओर से इस सीट पर उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है.

पलामू लोकसभा सीट पर महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस और राजद दोनों पार्टियां अपना दावा ठोक रही है. पलामू लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने 6 बार जीत दर्ज की है, और अब कांग्रेस के नेता इस सीट पर अपनी दावेदारी की मांग कर रहे हैं, अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पलामू सीट पर अपने प्रत्याशी उतराने की तैयारी में है. इसी के मद्देनजर ममता भुइयां को राजद में शामिल करावाया गया है और राजद के कार्यकर्ताओं ने ममता भुइयां को लोकसभा चुनाव के लिए पलामू का उम्मीदवार घोषित भी कर दिया है.

लेकिन अब तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पलामू से इंडिया गठबंधन से किस पार्टी का उम्मीदवार मैदान में उतरेगा, अब जब महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी की घोषणा होगी तभी पता चल पाएगा कि भाजपा का किस पार्टी से मुकाबला होगा.
अब पलामू लोकसभा सीट की वर्तामन राजनीतिक स्थिति की बात करें तो पलामू लोकसभा में विधानसभा की 6 सीटें हैं. जिसमें डाल्टनगंज, विश्रामपुर, छत्तरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर. इन 6 सीटों में 4 पर भाजपा का कब्जा है एक पर एनसीपी और सिर्फ एक सीट गढ़वा झामुमो के पास है.

डाल्टनगंज में भाजपा से आलोक चौरसिया , विश्रामपुर में भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी, छत्तरपुर में भाजपा से पुष्पा देवी , भवनाथपुर से भाजपा के भानु प्रताप शाही ,हुसैनाबाद से एनसीपी के कमलेश कुमार सिंह, और सिर्फ गढ़वा से झामुमो के मिथिलेश ठाकुर विधायक है.

पलामू लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो

1952 में पलामू लोकसभा सीट पर चुनाव शुरु हुए. पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की और गजेंद्र प्रसाद सिंहा यहां से सांसद बने.

दूसरे चुनाव में भी कांग्रेस ने अपनी जीत दुहराई और 1957 में कांग्रेस के गजेंद्र प्रसाद सिंहा दोबारा सांसद बने.
1962 में स्वतंत्र पार्टी से शशांक मंजरी ने जीत हासिल की.

हालांकि अगले चुनाव में ही कांग्रेस ने अपनी वापसी की और 1967 और 1971 में कांग्रेस से कमला कुमारी ने लगातार दो बार जीत दर्ज की.

जिसके बाद 1977 में जनता पार्टी से रामदेनी राम ने चुनाव जीता.

वहीं 1980 और 1984 में कांग्रेस की कमला कुमारी ने फिर से लगातार दो बार जीत दर्ज की. और यह जीत पलामू से कांग्रेस की आखिरी जीत रही.

1989 में जनता दल के जोरावर राम इस सीट से सांसद बने.

और फिर पलामू सीट पर भाजपा ने पहली बार 1991 में कमाल खिलाया और भाजपा से रामदेव राम सांसद बने.
जिसके बाद पलामू में लगातार 3 बार भाजपा ने जीत हासिल की और 1996,1998 और 1999 में भाजपा के ब्रजमोहन राम यहां से जीते .

2004 के लोकसभा चुनाव में यह सीट राजद की झोली में गई और मनोज कुमार सांसद बने.

जिसके बाद 2006 उपचुनाव में एक बार फिर राजद ने यहां अपना परचम लहराया और उसके प्रत्याशी घूरन राम दिल्ली पहुंचे.

वहीं 2009 में यह सीट पहली बार झामुमो के कब्जे में आई और कामेश्वर बैठा ने झामुमो के टिकट से जीत हासिल की.

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पलामू में अपना झंडा लहराया और भाजपा ने यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज की और विष्णु दयाल राम यहां से सांसद बने.

अब पलामू में भाजपा ने विष्णु दयाल राम पर एक बार और भरोसा जताया है. और उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है. हालांकि वीडी राम के खिलाफ मैदान में कौन होंगे ये अब तक तय नहीं हो पाया है.

अब पलामू में भाजपा जीत की हैट्रिक लगाएगी या फिर यह सीट किसी और की झोली में जाएगी.ये नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.

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