Jamshedpur– हेमंत सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला बोला है. रघुवर दास ने तंज कसते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अबुआ राज्य का बबुआ सीएम बताया. साथ ही हेमंत सरकार को लूट और झूठ की सरकार बताते हुए दो साल झारखंड बेहाल का नारा भी दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वह भी पांच साल सरकार का मुखिया रहे है, लेकिन अपनी सरकार का वर्षगांठ मनाने पर जनता के लाखों रुपये खर्च नहीं किए, इसके बदले मीडिया के माध्यम से अपनी सरकार का लेखा–जोखा प्रस्तुत किया. दो वर्ष में यह सरकार एक भी वादा पूरा नहीं कर सकी.
वीर शहीद निर्मल महतो की शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने युवाओं को पांच लाख नौकरी देने अन्यथा राजनीति से इस्तीफा देने की बात कही थी, लेकिन यह वादा अब भी अपनी राह देख रहा है. मुख्यमंत्री को अपने वादे के अनुसार अपना इस्तीफा दे देना चाहिए.
रघुवर दास ने यह भी कहा कि कोरोना काल के दौरान भी सरकार गहरी नींद में थी, तब उच्च न्यायलय ने भी सरकार की खिंचाई की थी और कई मामलों का संज्ञान लिया था. रूपा तिर्की हत्या मामले में भी राज्य सरकार के ढुलमूल रवैये पर न्यायालय ने संज्ञान लिया और तब मामले की सी.बी.आई जांच शुरू की जा सकी.
युवाओं को रोज़गार देने का वादा किया गया था, बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार तो रोजगार छीन रही है. जबकि भाजपा की सरकार के पहले दो वर्ष में ही 31 हजार सरकारी नियुक्तियां हुई थी. सहायक पुलिस की नियुक्ति भाजपा सरकार में हुई थी, उसको भी हेमंत सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
सरकार केवल तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. इसका उदाहरण विधान सभा में नमाज कक्ष का आंवटन है. नियोजन नीति में हिंदी भाषा को भी इस सरकार ने बाहर कर और उर्दू को शामिल किया है. राज्य में दो वर्ष के अंदर 400 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई. वृद्दा पेंशन का भी भुगतान नहीं हो पा रहा है. हमारी सरकार में मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना के तहत 400 प्रकार की बीमारियों का इलाज होता था, लेकिन हेमंत सरकार ने अब इस योजना में केवल 4 बीमारियों को ही रखा है. प्राकृतिक संसाधनों की लूट भी इस सरकार में चरम सीमा पर है. हेमंत की सरकार हर मोर्चे पर विफल है और सारे मंत्री अपरिपक्व.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि सरकार आती-जाती रहती है, लेकिन हेमंत सरकार का जो क्रियाकलाप है, उसे देखकर लगता है कि इसके बाद जेएमएम कभी शासन में नहीं आ पाएगी और यह झारखंड मुक्ति मोर्चा का अंतिम शासन काल होगा.
रिपोर्ट- लाला जबीं