बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 1 सीट जहानाबाद संसदीय सीट भी है. जहानाबाद सीट पर वर्तमान में जदयू से चंद्रेश्वर प्रसाद सांसद हैं और 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भी एनडीए की तरफ से जदयू ने चंद्रेश्वर प्रसाद पर भरोसा जताया है और इंडिया गठबंधन की ओर से राजद ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी सुरेंद्र प्रसाद यादव को बनाया है.
जहानाबाद लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. जिसमें अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर, अत्री की सीटें शामिल हैं.
इन 6 विधानसभा सीटों में 4 पर राजद का बोलबाला है. 2 सीट CPIML के पास है. जहानाबाद की लोकसभा सीट एनडीए गठबंधन के पास है लेकिन विधानसभा की किसी भी सीट पर एनडीए नहीं है.
अरवल में CPIML से महानंद सिंह विधायक हैं. वहीं कुर्था में बागी कुमार वर्मा राजद से विधायक हैं.जहानाबाद में भी राजद का बोलबाला है और सुदय यादव यहां से विधायक हैं. घोसी में CPIML का कब्जा है और रामबली यादव विधायक हैं. मखदुमपुर में राजद से सतीश कुमार और अतरी में भी राजद के अजय यादव विधायक हैं.
जहानाबाद में 2024 का चुनाव दिलचस्प होने के आसार हैं. 2019 के चुनाव के जैसे ही जहानाबाद में एक बार फिर चंद्रेश्वर प्रसाद और सुरेंद्र प्रसाद चुनावी मैदान में हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद चंद्रेश्वर प्रसाद के खिलाफ चुनावी मैदान में थे. लेकिन सुरेंद्र प्रसाद यादव को चंद्रेश्वर प्रसाद ने मात दे दी थी.
सुरेंद्र प्रसाद इससे ने पहले यानी 2014 के लेकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन उन्हें रालोसपा के डॉ अरुण कुमार ने शिकस्त दे दी थी.
अब इन दोनों के बीच का मुकाबला देखना दिलचस्प होगा.
जहानाबाद लोकसभा चुनाव के इतिहास पर एक नजर डालें तो
1957 में इस सीट पर कांग्रेस की सत्यभामा देवी ने पहली बार चुनाव जीता.
और कांग्रेस ने दूसरी बार भी अपनी जीत को बरकरार रखा और 1962 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट से सत्यभामा देवी दूसरी बार जीती.
1967 में जहानाबाद सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गई और इस सीट पर सीपीआई के चंद्रशेखर सिंह सांसद बने.
1971 में यह सीट फिर से सीपीआई की हुई और चंद्रशेखर सिंह दोबारा सांसद बने.
1977 को लेकसभा चुनाव में जनता पार्टी से हरि लाल प्रसाद सिंहा जीते.
1980 में कांग्रेस के महेंद्र प्रसाद ने जीत हासिल की.
1984 में जहानाबाद सीट पर सीपीआई की जीत का सिलसिला शुरु हुआ. 1984 में रामाश्रय प्रसाद सिंह जीते और उसके बाद के तीन चुनावों 1989, 1991 और 1996 के चुनाव में लगातार सीपीआई से रामाश्रय प्रसाद सिंह जीते.
1998 में राजद से सुरेंद्र प्रसाद यादव जीते.
वहीं 1999 में इस सीट पर जदयू ने कब्जा किया और अरुण कुमार ने जीत हासिल की.
2004 के लोकसभा चुनाव में राजद से गणेश प्रसाद सिंह जीते.
2009 में जदयू से जगदीश शर्मा ने जीत हासिल की.
2014 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से अरुण कुमार जीते.
2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जदयू ने कब्जा किया और चंद्रेश्वर प्रसाद सांसद बने.
अब 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता की पसंद कौन होगा और जनता किसे संसद तक पहुंचाती है ये चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.