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हेमंत सोरेन की बातों को सुनकर क्या रिझेंगे रामगढ़ के वोटर

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RAMGARH : हेमंत सोरेन भी यूपीए प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करने आज रामगढ़ के दुलमी पहुंच रहे हैं. रामगढ़ उपचुनाव में यूपीए और एनडीए ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सिर्फ 5 दिन ही वोटिंग के बचे हैं. और दोनों बड़ी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा चुकी है.

आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुलमी के लोगों को संबोधित करेंगे. बता दें कि पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गोला में एक बड़ी आम सभा को संबोधित कर चुके हैं। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि क्या रामगढ़ के लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अपील पर रिझेंगे और बजरंग महतो को वोट देंगे या वोटर आजसू गठबंधन को जीत दिलाएंगे.

हेमंत सोरेन , बाबूलाल मरांडी सहित तीन पूर्व मुख्यमंत्री कर चुके हैं चुनावी सभाएं


रामगढ़ के रण में जीत दर्ज करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी गोला प्रखंड के कई क्षेत्रों में चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं. कल 23 फरवरी को राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रचार के लिए रामगढ़ पहुंचने वाले हैं. जिनमें एक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हैं.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी भी 23 फरवरी को रामगढ़ के चुनावी समर में नजर आएंगे. जिससे रामगढ़ का चुनावी संग्राम पूरे चरम पर पहुंच चुका है. एक तरफ जहां आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, राजसभा सांसद आदित्य साहू ने रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेई भी रामगढ़ 2 दिन रह कर चुनावी कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान किया है.


रामगढ़ उपचुनाव में यूपीए ने भी झोंकी पूरी ताकत


यूपीए की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं. झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे,प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर रामगढ़ में कैंप कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मंत्री बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख और आलमगीर आलम भी लगातार क्षेत्र में रहकर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं.

राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव भी लगातार 2 दिनों से रामगढ़ में कैंप किए हुए हैं. पूर्व मंत्री योगेंद्र के क्षेत्र में उपस्थिति से वैश्य समाज का समीकरण बनता बिगड़ता नजर आने लगा है. माना जाता है कि योगेंद्र साव की समाज में अच्छी पकड़ है. वही चुनावी मैदान में कुर्मी जाति के 4 बड़े नेता शैलेंद्र महतो, जलेश्वर महतो, खीरू महतो, लालचंद महतो के उतर जाने से कुर्मी वोटों का रुझान भी कुछ बनता बिगड़ता नजर आने लगा है। वही हजारीबाग के पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता के भी चुनाव में कुछ जाने के बाद कुशवाहा जाति का वोट मजबूती प्रदान करता दिख रहा है.

रिपोर्ट: करमजीत सिंह जग्गी

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