रांची. आज की दुनिया भर में जेंडर असमानता एक गंभीर वैश्विक चुनौती बनी हुई है। महिलाओं को अब भी दूसरे दर्जे का समझा जाता है, उन्हें घर और कार्यस्थलों पर उत्पीड़न और शोषण का सामना करना पड़ता है। यही नहीं उन्हें बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा जाता है। साथ ही थर्ड जेंडर समुदाय को अब भी समाज में मान्यता नहीं पा रही है। ऐसे में समाज के अंदर लैंगिक संवेदनशीलता और समानत को लेकर संवाद और चर्चा की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इसी उद्देश्य से अगधबोध फाउंडेशन के फाउंडिंग डायरेक्टर एवं सीईओ प्रदीप गुप्ता ने फिया फाउंडेशन के साथ एक एमओयू किया है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत झारखंड के विभिन्न जिलों में कॉलेज और सामुदायिक स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इन कार्यशालाओं का मुख्य फोकस युवा समूह होंगे, खासकर पुरुष युवाओं पर। योजना के तहत राज्य भर के युवाओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें युवाओं को एक सुरक्षित मंच मिलेगा, जहां वे जेंडर असमानता के कारणों और उसके प्रभावों पर खुलकर चर्चा कर सकेंगे।
इन युवाओं को चेंज मेकर्स के रूप में तैयार किया जाएगा, जो आगे चलकर कैंपेन एंबेसडर की भूमिका निभाएंगे। कार्यक्रम की समाप्ति पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।