लखनऊ : अंसल ग्रुप की Yogi सरकार ने शुरू करा फॉरेंसिक ऑडिट। अंसल ग्रुप पर CM Yogi आदित्यनाथ की सरकार की भृकुटी केवल टेढ़ी नहीं हुई है बल्कि एक्शन भी ताबड़तोड़ जारी है। इसी क्रम में अब अंसल ग्रुप के टाउनशिप की फॉरेंसिक ऑडिट के लिए टीम भी बनाई है।
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अब इस टीम ने भी जांच शुरू कर दी है। साथ LDA (लखनऊ विकास प्राधिकरण) ने शहीद पथ स्थित अंसल एपीआई की सुशांत गोल्फ सिटी हाईटेक टाउनशिप में नई रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है।
इस बीच अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रमोटर्स, मालिक सुशील अंसल, उनके बेटे व सह मालिक प्रणव अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फ्रेन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन, अंसल के निदेशक विनय कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बीएनएस 316(5), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 352, 351(2) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत FIR दर्ज करते हुए मुकदमा दर्ज हुआ है। इन सभी धारओं में दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा है।
अंसल ग्रुप के खिलाफ LDA का एक्शन
अंसल ग्रुप पर आरोप है कि कंपनी ने दो बार टाउनशिप की योजना स्वीकृत कराई थी जिसमें निर्धारित भूमि से कई गुणा पर टाउनशिप बना ली। इस मामले में कंपनी के मालिक सुशील अंसल और प्रणव अंसल के अलावा दो निदेशकों और दो कंपनियों पर फर्जीवाड़े का आरोपी बनाया गया है।
LDA (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के अमीन अर्पित शर्मा ने गोमतीनगर थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया कि प्राधिकरण ने 2005 में 1765 एकड़ की हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि चिह्नित की थी। इसकी डीपीआर 2006 में स्वीकृत की गई।
अंसल ने टाउनशिप विकसित करने का काम शुरू किया। आरोप है कि स्वीकृत टाउनशिप में कंपनी ने स्वयं की खरीदी गई जमीन के अलावा ग्राम समाज, सीलिंग, तालाब, राज्य सरकार के नाम दर्ज, चक मार्ग, नवीन परती, बंजर, नहर और नाली की जमीन अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर ली।

इसकी जानकारी प्राधिकरण को नहीं दी, जब जांच हुई तो इसका पता चला। LDA वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि रजिस्ट्री पर रोक को लेकर तीन महीने पहले भी जिला प्रशासन और निबंधन कार्यालय को सूचना भेजी गई थी।
इसके बाद भी अंसल की ओर से कुछ रजिस्ट्री किए जाने की शिकायत आई है। अंसल के खिलाफ जो FIR कराई गई है, उसमें इसका भी उल्लेख है। आगे रजिस्ट्री न हो, इसके लिए रजिस्ट्री पर रोक का आदेश फिर से जारी किया गया है। इसकी जानकारी रिसीवर को भी जा रही है।
इसके अलावा सुशांत गोल्फ सिटी टाउनशिप की फोरेंसिक ऑडिट भी शुरू कराई जा रही है। ऑडिट की टीम अंसल के अभिलेखों, सम्पत्तियों, जनसुविधाओं, टाउनशिप के अंदर व बाहर कराए गए विकास कार्यों की पूरी जांच करेगी। ऑडिट के लिए मेसर्स अग्रवाल गुप्ता व अरोड़ा चार्टर्ड एकाउंटेंट कंपनी को नियुक्त किया गया है।

यूपी में अंंसल ग्रुप के बैंक खाते सीज, रिसीवर तैनात
Yogi Govt के अधिकारियों ने लखनऊ और गाजियाबाद में अंसल ग्रुप के खिलाफ FIR दर्ज कराते हुए कार्रवाई शुरू की। अंसल के सभी बैंक खाते सीज करने के साथ ही ऑफिस को सील कर नोटिस चस्पा कर दी गई। इसमें डिवेलपर से 44 बिंदुओं पर दस्तावेजों के साथ जवाब देने को कहा गया है।
अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की ओर से नियुक्त रिसीवर ने अंसल के सुशांत गोल्फ सिटी के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी है।
अब कंपनी के अधिकारी उन खातों से रुपये नहीं निकाल पाएंगे। इसको लेकर रिसीवर की ओर से बैंकों को पत्र भेजा गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि खातों के संचालन के लिए नए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
फाइनेंस कंपनी के बकाया पर एनसीएलटी ने अंसल के बोर्ड को भंग करते हुए नवनीत गुप्ता को रिसीवर को नियुक्त किया है। रिसीवर व उनकी टीम ने सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल बिल्डर के ऑफिस में दस्तावेजों की जांच भी की है।
टीम ने दोबारा ऑफिस पहुंचकर दस्तावेजों की जांच की। कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि रिसीवर ने बैंक खातों पर रोक लगा दी है। ऐसे में कंपनी के खातों में पड़े रुपये अब कंपनी के अधिकारी नहीं निकाल पाएंगे।
रिसीवर की टीम में 7 सदस्य शामिल हैं। इनकी ओर से जमीन की खरीद फरोख्त, आवंटन, जमा पैसा से लेकर रजिस्ट्री और कब्जे तक हर बिंदु पर अलग-अलग रिपोर्ट मांगी गई है। कंपनी के कर्मचारियों ने कुछ रिपोर्ट बनाकर सौंप दी हैं और कुछ तैयार कर रहे हैं।

प्रदेश सरकार अंसल ग्रुप के कारनामों की कुंडली खंगालने में जुटी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अंसल के सीज बैंक खातों में जमा रकम के प्रबंधन और उससे जुड़े लेनदेन के लिए जल्द ही NCLT की तरफ से रिसीवर तैनात किया जाएगा। NCLT की टीम ने अंसल के सुशांत गोल्फ सिटी समेत प्रदेश के बाकी प्रॉजेक्ट्स में आवंटित प्लॉटों समेत सभी संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।
सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल के कार्यालय पहुंचे आवंटियों ने NCLT के अधिकारियों से मुलाकात कर अपने प्लॉट-दुकान से जुड़ी जानकारियां मांगीं। इस बीच अंसल की वेबसाइट को भी बंद करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
निवेशकों को ऑन लाइन क्लेम फाइल करने का भी विकल्प दिया गया है। इसके लिए www.cirpofapil.rpmitra.com पर आवेदन करना होगा। लखनऊ के बाद गाजियाबाद में भी अंसल के खिलाफ FIR दर्ज हुई है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के सहायक अभियंता ज्ञान प्रकाश द्विवेदी ने क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में प्रणव अंसल, विकास यादव, अमित शुक्ला और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

आरोप है कि अंसल ग्रुप ने टाउनशिप नीति का उल्लंघन किया और डूंडाहेड़ा गांव में स्थित 99.75 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे लोगों को बेच दी।
मिली जानकारी के मुताबिक, सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल ऑफिस के अलावा रिसीवर की टीम LDA (लखनऊ विकास प्राधिकरण) वीसी प्रथमेश कुमार से भी मिली। वीसी ने टीम को बताया कि अंसल पर LDA की जमीनों का करीब 450 करोड़ रुपये बकाया है।
LDA के पास जो 413 एकड़ बंधक जमीन थी, उसे भी अंसल ने बेचा है। इसी क्रम में Yogi Govt अब अंसल ग्रुप को लेकर कई अहम ब्योरे भी जुटाने में भी जुटी हुई है।
इसमें पता किया जा रहा है कि कितने लोगों को अंसल की टाउनशिप में मकान- प्लाट बेचे गए हैं ? कितने लोगों को जमीन-मकान पर कब्जा दिया जा चुका है ? कितने लोगों की रजिस्ट्री की गई ? कंपनी के पास कुल कितनी जमीन टाउनशिप में है ?
कितनी विकसित और अविकसित हैं? समय से योजना विकसित न होने के क्या कारण रहे? रेरा में जो शिकायतें दर्ज हुईं उनकी क्या वजह रही और उनका समाधान क्यों नहीं किया गया ? कंपनी ने कितना पैसा योजना में विकास को लेकर खर्च किया? डबल रजिस्ट्री के कितने मामले हैं ?