लखनऊ : अंसल ग्रुप पर Yogi Govt का चाबुक चलना शुरू, FIR के साथ ही बैंक खाते सीज औरऑफिस भी सील। अंसल एपीआई पर कार्रवाई को लेकर CM Yogi आदित्यनाथ की भृकुटी तनते ही Govt के स्तर पर 24 घंटे के अंदर सभी विभाग हरकत में आ गए हैं।
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लगातार कार्रवाई जारी है। ताबड़तोड़ एक्शन हो रहे हैं। Yogi Govt के अधिकारियों ने लखनऊ और गाजियाबाद में अंसल ग्रुप के खिलाफ FIR दर्ज कराते हुए कार्रवाई शुरू की।
अंसल के सभी बैंक खाते सीज करने के साथ ही ऑफिस को सील कर नोटिस चस्पा कर दी गई। इसमें डिवेलपर से 44 बिंदुओं पर दस्तावेजों के साथ जवाब देने को कहा गया है।
अंंसल ग्रुप के बैंक खाते सीज, रिसीवर तैनात
अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की ओर से नियुक्त रिसीवर ने अंसल के सुशांत गोल्फ सिटी के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी है।
अब कंपनी के अधिकारी उन खातों से रुपये नहीं निकाल पाएंगे। इसको लेकर रिसीवर की ओर से बैंकों को पत्र भेजा गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि खातों के संचालन के लिए नए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
फाइनेंस कंपनी के बकाया पर एनसीएलटी ने अंसल के बोर्ड को भंग करते हुए नवनीत गुप्ता को रिसीवर को नियुक्त किया है। रिसीवर व उनकी टीम ने सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल बिल्डर के ऑफिस में दस्तावेजों की जांच भी की है।
टीम ने दोबारा ऑफिस पहुंचकर दस्तावेजों की जांच की। कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि रिसीवर ने बैंक खातों पर रोक लगा दी है। ऐसे में कंपनी के खातों में पड़े रुपये अब कंपनी के अधिकारी नहीं निकाल पाएंगे।
रिसीवर की टीम में 7 सदस्य शामिल हैं। इनकी ओर से जमीन की खरीद फरोख्त, आवंटन, जमा पैसा से लेकर रजिस्ट्री और कब्जे तक हर बिंदु पर अलग-अलग रिपोर्ट मांगी गई है। कंपनी के कर्मचारियों ने कुछ रिपोर्ट बनाकर सौंप दी हैं और कुछ तैयार कर रहे हैं।

यूपी में अंसल ग्रुप की संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अंसल के सीज बैंक खातों में जमा रकम के प्रबंधन और उससे जुड़े लेनदेन के लिए जल्द ही NCLT की तरफ से रिसीवर तैनात किया जाएगा। NCLT की टीम ने अंसल के सुशांत गोल्फ सिटी समेत प्रदेश के बाकी प्रॉजेक्ट्स में आवंटित प्लॉटों समेत सभी संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।
सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल के कार्यालय पहुंचे आवंटियों ने NCLT के अधिकारियों से मुलाकात कर अपने प्लॉट-दुकान से जुड़ी जानकारियां मांगीं। इस बीच अंसल की वेबसाइट को भी बंद करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
निवेशकों को ऑन लाइन क्लेम फाइल करने का भी विकल्प दिया गया है। इसके लिए www.cirpofapil.rpmitra.com पर आवेदन करना होगा। लखनऊ के बाद गाजियाबाद में भी अंसल के खिलाफ FIR दर्ज हुई है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के सहायक अभियंता ज्ञान प्रकाश द्विवेदी ने क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में प्रणव अंसल, विकास यादव, अमित शुक्ला और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
आरोप है कि अंसल ग्रुप ने टाउनशिप नीति का उल्लंघन किया और डूंडाहेड़ा गांव में स्थित 99.75 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे लोगों को बेच दी।

अंसल ग्रुप के खिलाफ Yogi Govt यह ब्योरा जुटाने में लगी…
मिली जानकारी के मुताबिक, सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल ऑफिस के अलावा रिसीवर की टीम LDA (लखनऊ विकास प्राधिकरण) वीसी प्रथमेश कुमार से भी मिली। वीसी ने टीम को बताया कि अंसल पर LDA की जमीनों का करीब 450 करोड़ रुपये बकाया है।
LDA के पास जो 413 एकड़ बंधक जमीन थी, उसे भी अंसल ने बेचा है। इसी क्रम में Yogi Govt अब अंसल ग्रुप को लेकर कई अहम ब्योरे भी जुटाने में भी जुटी हुई है।
इसमें पता किया जा रहा है कि कितने लोगों को अंसल की टाउनशिप में मकान- प्लाट बेचे गए हैं ? कितने लोगों को जमीन-मकान पर कब्जा दिया जा चुका है ? कितने लोगों की रजिस्ट्री की गई ? कंपनी के पास कुल कितनी जमीन टाउनशिप में है ?
कितनी विकसित और अविकसित हैं? समय से योजना विकसित न होने के क्या कारण रहे? रेरा में जो शिकायतें दर्ज हुईं उनकी क्या वजह रही और उनका समाधान क्यों नहीं किया गया ?
कंपनी ने कितना पैसा योजना में विकास को लेकर खर्च किया? डबल रजिस्ट्री के कितने मामले हैं ?