रांची : 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने
मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में दो निर्णय लिया.
जिसमें पहला खतियान अधारित स्थानीय नीति और दूसरा पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर.
बीजेपी हमेशा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए सदैव हिमायती रहा है.
राज्य में बीजेपी सरकार के काल में ओबीसी को 27 प्रतिशत, एससी को 14 प्रतिशत और
एसटी को 32 प्रतिशत सहित कुल 73 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था,
लेकिन हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया था.
ओबीसी आरक्षण को लेकर मोदी सरकार गंभीर
दीपक प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार शुरू से ही ओबीसी आरक्षण के प्रति गंभीर रही है.
इस संबंध पार्टी और सरकार में भी आरक्षण देने का कार्य किया.
बीजेपी समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के प्रति प्रतिबद्धता कायम है.
राज्य में बीजेपी की जब सरकार थी तब ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सर्वे किया था.
लेकिन हेमंत सरकार ने उस सर्वेक्षण को बंद कर दिया, ताकि इस समाज को
आरक्षण का लाभ विधि सम्मत लाभ न मिल सके.
1932 खतियान: सरकार के निर्णय का बीजेपी ने किया विरोध
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा तय किया गया आरक्षण विधि सम्मत और संवैधानिक ढांचे में नहीं है.
पिछड़े वर्ग के मुद्दे को कमजोर करने के लिए हेमंत सरकार प्रक्रियाविहीन काम किया है.
और जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि सरकार में शामिल कांग्रेस और आरजेडी भी दोषी है. जिसका बीजेपी विरोध करती है. सरकार के द्वारा लिये गये निर्णय पर जनता सर्तक रहें और शांति बनाये रखें
बीजेपी आदिवासी और मूलवासी का हिमायती
स्थानीय नीति पर दीपक प्रकाश ने कहा कि बीजेपी 1998 और 99 में वाजपेयी सरकार के समय ही झारखंड बनने की प्रकिया शुरू हो गयी थी और 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन किया गया. बीजेपी ने राज्य गठन के बाद ही आदिवासी और मूलवासी के लिए काम करना शुरू कर दिया था. बीजेपी शुरू से राज्य की जनता के हित के लिए सर्वसम्मत से पक्षधर हैं.
1932 खतियान: आनन-फानन में सरकार ने लिया निर्णय
स्थानीय नीति को लेकर वर्तमान सरकार द्वारा लिये गये निर्णय सही नहीं है. हेमंत सरकार ने स्थानीय नीति को नियोजन नीति से नहीं जोड़ना समझ से पड़े है. ऐसा प्रतित होता है कि यह निर्णय आनन-फानन में लिया गया है. जो ना विधि सम्मत और सर्वसम्मत है.