रांची: राज्य सरकार की ओर से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई योजनाएं चलाई जा रही है ताकि उस क्षेत्रों के लोगों को आर्थिक रूप से सहयोग मिल सके लेकिन अभी भी ऐसे कई नक्सल प्रभावित राज्य है जो अभी भी आर्थिक रूप से कमजोर है और वहां अर्थिक रूप से सहयोग की जरूरत है.
बता दे कि नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके है, मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जो भी योजनाएं नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए बनाई जाए उसको धरातल पर कैसे उतारा जाए उसको लेकर एक रूपरेखा तैयार करने के साथ साथ उसकी केंद्र से समय-समय पर समीक्षा की जाए और जरूरत पड़ने पर उसे और प्रभावी तरीके से चलाई जाए ताकि नक्सल प्रभावित राज्यों में आर्थिक रूप से सहयोग मिल सके.
गौरतलब है कि दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री की बैठक में हिस्सा लेने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंच गए हैं.मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में नक्सली समस्या लगभग समाप्ति की तरफ है, लेकिन जो दर्द यहां की जनता और हमलोग ने झेला है उस घाव को भरने में थोड़ा वक्त लगेगा.
दरअसल झारखंड के बूढ़ा पहाड़ अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से एक था और 30 सालों से नक्सलियों के कब्जे में था अब उसे मुक्त कर लिया गया है और वहां पर विकास के बहुत सारे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि वहां के आस पास की जनता सरकार के योजनाओं से जुड़े और उसका फायदा उठा सके.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जो राज्य नक्सल समस्या के नाते या दूसरी विषम परिस्थितियों के नाते पीछे गए हैं, उनको आगे ले जाने के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता की जरूरत है और इस बात की मांग हम जरूर करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र को झारखंड के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता देनी चाहिए ताकि विकास की जिस रफ्तार में हम पीछे रह गए हैं, उसे हम पकड़ सके.
हेमंत सोरेन ने कहा कि नक्सल पर हमने काबू पा लिया है लेकिन अभी भी अगर आर्थिक रूप से सहयोग मिल जायेगा तो हम और भी जगह पर फतह हासिल कर लेंगे इसके साथ ही ऐसे क्षेत्र को हम विकास की योजनाओं से जोड़कर के आगे ले जाने का काम करेंगे. हेमंत सोरेन ने कहा कि नक्सली की परेशानी किसी एक राज्य की नहीं पूरे देश की है. जब तक नक्सली की परेशानी रहेगी, ना राज्य विकास कर पाएगा और ना ही देश के विकास में राज्य की बड़ी भूमिका हो पाएगी. इसलिए इस विषय पर केंद्र और राज्य को मिलकर काम करने की जरूरत है और राज्यों को केंद्र से अतिरिक्त आर्थिक सहायता चाहिए.