मालवीय मार्ग स्थित गायत्री टेंट हाउस में लगी भीषण आग

लाखों का समान जलकर राख

अग्निकांड में एक बच्ची की मौत चार लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया

फायर ब्रिगेड की टीम , स्थानीय लोगों ने आग बुझाने में किया भरपूर मदद

हजारीबाग: मालवीय मार्ग स्थित गायत्री टेंट हाउस में सोमवार की शाम सात बजे आग लग गई. देखते देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया तथा आग की लपटे ग्राउंड फ्लोर से लेकर दूसरे तल्ले और मुख्य सीढ़ी तक पहुंच गई. इससे उसे भवन में रहने वाले पांच लोग अपने-अपने कमरे में फंस गए.

जिसमें दो बच्चे और तीन व्यस्क हैं उनमें एक महिला भी शामिल है .इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई जो 5 साल की बताई जा रही है .

मालवीय मार्ग से गुजरने वाले लोगों में खलबली मच गई .काली बाड़ी के आसपास लोगों में अफरातफरी का माहौल बन गया.जब तक लोग कुछ समझ पाते.

आग की लपटे और तेज उठने लगी इससे टेंट हाउस का सामान जलकर राख हो गया.गोदाम में रखा चारपाई, मैट, पर्दा, सजावट के कपड़े, कुर्सी व अन्य सामान जल गए.

आग गायत्री टेंट हाउस के ग्राउंड फ्लोर पर लगी परंतु आज की लपटे दूसरे तल्ले तक पहुंच गई.वहीं तीसरी तल्ले पर पांच आदमी आग के बीच में फंस गए.

सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की टीम का नेतृत्व करते पदाधिकारी रामयश सिंह ने स्थानीय के साथ मिल कर रेस्क्यू कर पांच लोगों को निकाला.जिन्हें प्राथमिक इलाज के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया और फिर वहां से सभी घायलों को बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग के आरोग्यं अस्पताल रेफर कर दिया गया .

सूचना पाने के बाद सदर विधायक मनीष जायसवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और जायजा लिया. विधायक मनीष जायसवाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी पहुंचे.

जहां उन्होंने कु-व्यवस्था को लेकर तथा डॉक्टर की लापरवाही को लेकर ड्यूटी ने तैनात डॉक्टर को जमकर सुनाया तथा उन्होंने कहा कि बिना इलाज किया ही रेफर करना कहां तक सही है.

वही इमरजेंसी के वक्त भी डॉक्टर का व्यवहार सही नहीं था जो चिंताजनक और अमानवीय है साथ ही एक बच्ची की मौत पर सदर विधायक ने दुख जाहिर किया है और कहां की अन्य चार लोगों का इलाज बेहतर ढंग से चले या पहली प्राथमिकता है उन्होंने कहा कि डॉक्टर से लगातार संपर्क में भी है.

वहीं घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.इस अग्निकांड में लाखों रुपया का सामान भी जलकर राख हो गया है. बताया जाता है कि टेंट हाउस के उपयोग में लाने वाले सामान भरपूर मात्रा में घर में ही रखे गए थे. इस अग्निकांड ने प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

घंटों बीत जाने के बाद भी पुलिसकर्मी और पदाधिकारी नहीं दिखे. हां लगभग 9:30 बजे के आसपास एसडीओ विद्याभूषण घटना स्थल पर पहुंचे.

उन्होंने सदर थाना को तत्काल घटना पर स्थल पर आने का निर्देश भी दिया. इसके बाद भीड़ पर काबू पाया गया .आग लगने के कारण घटना स्थल पर सैकड़ो लोग भी उपस्थित हो गए .

इस कारण भी ऑपरेशन चलाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा . इन्हीं लोगों के बीच कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने पीड़ीत परिवार को मदद भी कि

पांच दमकल गाड़ी से आग पर काबू पाया है. बीच में पानी खत्म होने के कारण लगभग 40 मिनट तक रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना भी पड़ा .

इसके बाद तीन दमकल कई विभिन्न इलाके से घटनास्थल पर पहुंचे और घंटे मुस्क्कत करने के बाद आग पर काबू पाया. अग्निशमन के पास सुविधा का अभाव भी इस दौरान देखने को मिला .

धुएं से बचने के लिए मास्क जैसे उपकरण भी उनके पास नहीं थे ऐसे में जान जोखिम में डालने के बाद उन लोगों ने ऑपरेशन चलाया और चार लोगों को कुशल निकाल पाए.

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