पहली बार मुनाफा में पहुंचा बिहार बिजली विभाग

पहली बार मुनाफा में पहुंचा बिहार बिजली विभाग

पटना : बिहार का बिजली विभाग पहली बार मुनाफा में पहुंचा है। बिहार की दोनों वितरण कंपनियों ने राजस्व वसूली में विगत तीन वर्षों के प्रदर्शन में लगातार सुधार करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी राजस्व की रिकार्ड वसूली की है। गत वर्ष की राजस्व वसूली से 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 1852 करोड़ रुपए की अधिक वसूली के साथ कुल 15,107 करोड़ रुपए की वसूली की गई है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में वितरण कंपनियों द्वारा मात्र 8598 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहण किया था। जिससे लगभग पौने दो गुना (76 प्रतिशत) अधिक राजस्व का संग्रहण करते हुए 15,107 करोड़ रुपए की कुल वसूली दर्ज की गई है। विगत चार वर्षों के राजस्व संग्रहण की वृद्धि का आंकड़ा देखें तो औसतन प्रत्येक वर्ष लगभग 14.3 प्रतिशत की दर से राजस्व संग्रहण में लगातार वृद्धि हो रही है। इस अवधि में उपभोक्ताओं को 6.9 प्रतिशत औसतन वृद्धि दर के साथ बिजली की आपूर्ति की गई है।

वितरण कंपनियों द्वारा निरंतर सुधारों एवं कार्यों में दक्षता लाने के कारण एटी एंड सी लॉस जो वर्ष 2019-20 में 35.12 प्रतिशत था वह घटकर अब वर्ष 2023-24 में 21.74 प्रतिशत मात्र रह गया है। वितरण कंपनियों के कार्यों को आंकने के लिए बिलिंग एवं कलेक्शन एफिसिएंसी देखा जाता है। बिलिंग एफिसिएंसी 2019-20 में 75.41 प्रतिशत थी जो बढ़कर 83.11 प्रतिशत हो गई है और कलेक्शन एफिसिएंसी 86 प्रतिशत से बढ़कर 94.17 प्रतिशत हो गई है। इस दक्षता वृद्धि की बदौलत ही राज्य के उपभोक्ताओं को पिछले कई वर्षों से बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय भार के निरंतर सेवा प्रदान करने में वितरण कंपनियां सफल रही हैं। इसी कारण अगले वित्तीय वर्षों 2024-25 में सभी उपभोक्ताओं को विद्युत दर में 15 पैसे प्रति यूनिट की कमी का लाभ भी प्राप्त होगा।

राजस्व संग्रहण में प्रति यूनिट आपूर्ति की गई बिजली पर वर्ष 2019-20 में दो रुपए 90 पैसा का संग्रहण किया जाता था जो वर्ष 2023-24 में एक रुपए (34.5 प्रतिशत) बढ़कर तीन रुपए 90 पैसा हो गया है। एक रोचक आंकड़ा यह भी है कि पहले जहां 50 प्रतिशत से भी कम उपभोक्ताओं से भुगतान प्राप्त किया जाता था। उसमें गुणात्मक वृद्धि कर वितरण कंपनियों ने इसमें 85 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ताओं से कम से कम एक बार बिल का भुगतान प्राप्त किया है। रेगुलेटरी कमीशन द्वारा निर्धारित ऊर्जा शुल्क में मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जाता है। जिसके कारण राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर विद्युत की आपूर्ति की जाती है।

वितरण कंपनियों द्वारा अपनी आय का स्त्रोत बढ़ाने के लिए विगत तीन वर्षों से पावर एक्सचेंज के माध्यम से बिजली की बिक्री करने की पहल भी की है। जिससे इस वर्ष लगभग 2267 करोड़ रुपए की आय हुई है। वितरण कंपनियों के राजस्व संग्रहण में नियुक्त सभी कर्मियों के केंद्रीयकृत अनुश्रवण के लिए ‘समीक्षा एप्प’ बनाई है जिसके इस्तेमाल से न केवल वैज्ञानिक तरीके से जमीनी लक्ष्य निर्धारण करने में मदद मिली है। बल्कि राजस्व संग्रहण में भी कई त्रुटियों का पता कर उन्हें दूर करते हुए लगातार राजस्व संग्रहण में बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में वितरण कंपनियों ने 215 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया था और इस वर्ष भी लाभ अर्जित करेंगी।

यह भी पढ़े : बिहार सहित पटना में तेज गर्मी का सितम, लोग परेशान

यह भी देखें : https://youtube.com/22scope

अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट

Share with family and friends: