बेगूसरायः बाढ़ और बाढ़ राहत में घोटाला बिहार के लिए कोई नई खबर नहीं मानी जाती. लेकिन इस बार की राहत की खबर सरकार की ओर से नहीं आम जनों की ओर से आई है.
यह राहत की कहानी बड़ी ही अनोखी और मानवीय है. दरअसल इस वर्ष जब समस्तीपुर जिले का महेन्द्रपुर गांव बाढ़ की चपेट में आया, तब महेन्द्रपुर निवासी राजीव कुमार अपने भैंसों के साथ बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड का विक्रमपुर गांव में शरण लिया.
लेकिन, 10 सितंबर को राजीव कुमार का दो भैंस और एक पाड़ा की चोरी हो गई. भैंस की इस चोरी की घटना के बाद राजीव काफी उदास रहने लगा, उसकी मायूसी और उदासी को देख गांव वाले भी परेशान रहने लगे, उन्हे गांव की बदनामी का डर सताने लगा.
राजीव कुमार की मायूसी और अपनी बदनामी को देखते हुए गांववालों ने एक मीटिंग बुलाई, इस मीटिंग में दो भैंस और एक भैंस का बच्चे की खरीद कर राजीव कुमार को देने का निर्णय लिया गया.
आखिरकार ग्रामीणों ने राजीव कुमार को भैंस और भैंस के बच्चे के साथ फूल-मालों से लाद कर गाजे-बाजे के साथ विदा किया. राजीव कुमार को गांव वालों द्वारा किया गया यह स्वागत अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, लोग गांव वालों की इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे है.