प्रवेश निरस्त कराने वाले छात्रों की फीस वापसी को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी

प्रवेश निरस्त कराने वाले छात्रों की फीस वापसी को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी

रांची: प्रवेश निरस्त कराने वाले छात्रों की फीस वापसी पर उच्च शिक्षण संस्थानों की मनमर्जी अब नहीं चलेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश निरस्त कराने वाले छात्रों की फीस वापसी को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इसके तहत 30 सितंबर तक प्रवेश निरस्त कराने पर उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्रों को पूरी फीस लौटानी होगी। इतना ही नहीं, बदि कोई 31 अक्टूबर तक भी अपना प्रवेश निरस्त कराता है, तो एक हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस काटकर उसकी आकी राशि लौटानी होगी।

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध उच्च शिक्षण संस्थानों को फीस वापसी को लेकर बनाए गए नियमों की भी याद दिलाई है, जिसमें फीस वापस नहीं करने वाले संस्थानों की मान्यता छिन सकती है। साथ ही उस संस्थानों को मिलने वाली वित्तीय मदद भी रोकी जा सकती है। इससे पहले शैक्षणिक सत्र 2022-23 में यूजीसी के दखल के बाद छात्रों की 30 करोड़ रुपये से अधिक फीस वापस की गई थी।
छात्रों की मदद के लिए यूजीसी ने अलग से पोर्टल और टोल फ्री नंबर शुरू किया है। ऐसे में पोर्टल पर जाकर या फिर

टोल फ्री नंबर 1800111656 पर काल कर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यूजीसी का यह निर्देश इसलिए भी अहम है, क्योंकि उच्च शिक्षण
संस्थानों में छात्रों को अपनी पसंद के कोर्स या संस्थान में दाखिला मिलने तक कई जगहों पर सीट सुरक्षित करने के लिए फीस भरनी पड़ती है।

ऐसे में प्रवेश निरस्त कराने पर उनकी फीस फंसने का डर बना रहता था। यूजीसी का यह कदम छात्रों व उनके यूजीसी ने इसके साथ ही देरी से प्रवेश लेने वाले संस्थानों के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें प्रवेश लेने के 15 दिनों के अंदर उसे निरस्त कराने पर भी पूरी फीस लौटानी होगी। इसके अलावा प्रवेश लेने के महीने भर के अन्दर उसे निरस्त कराने पर उन्हें आधी फीस वापस करनी होगी

 

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