पटना: भागलपुर में गंगा नदी पर बने अगुवानी पुल का एक हिस्सा टूट कर गंगा नदी में समा गया। पुल गिरने के बाद विपक्ष एक बार फिर से राज्य सरकार पर हमलावर है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के सभी नेता नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। मामले में अब बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने पुल गिरने के आरोपों का खंडन किया है और कहा कि पुल का हिस्सा दो बार क्षतिग्रस्त होने के बाद निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है।
क्षतिग्रस्त पुल के बाकि हिस्सों को हटाया जा रहा है इसी बीच गंगा नदी में जलस्तर में वृद्धि और तेज बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हिस्से का ही एक टुकड़ा गिर गया है। इस हिस्से को भी हटाया जाना था। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने जानकारी दी कि इस पुल का पहला हिस्सा 30 अप्रैल 2022 को और फिर दूसरा हिस्सा 04 जून 2023 को गिरा था। पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद डिजाइन की जांच आईआईटी रुड़की के द्वारा कराया गया जिसमें यह पता चला कि पुल का डिजाइन ही खराब था। इसके बाद संवेदक को कार्य रोकने का आदेश दिया गया था और फ़िलहाल पुल में कोई काम नहीं हो रहा था।
क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाया जा रहा है इसी में पानी में तेज बहाव की वजह से वही हिस्सा टूट कर गिरा है जिसे हटाया जाना था। इसके साथ ही संवेदक को हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि वे अपने खर्च पर नए सिरे से क्षतिग्रस्त भाग का काम करवाएंगे। पुल के नए डिजाइन पर काम किया जा रहा है।
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