रांची: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय को साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। शनिवार को रांची में आयोजित कांग्रेस की विस्तारित कार्यकारिणी बैठक में पार्टी ने ओबीसी समुदाय के उत्थान के लिए विशेष कदम उठाने का प्रस्ताव पारित किया। पार्टी का मानना है कि अगर ओबीसी समुदाय का समर्थन हासिल कर लिया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की वापसी असंभव हो जाएगी।
ओबीसी कल्याण मंत्रालय की मांग
बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेगा। पार्टी की मांग है कि झारखंड में ओबीसी कल्याण मंत्रालय का गठन किया जाए, जिससे इस समुदाय के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिल सके। कांग्रेस का मानना है कि इस मंत्रालय के माध्यम से ओबीसी समुदाय की समस्याओं का बेहतर तरीके से समाधान हो सकेगा।
चुनावी रणनीति में ओबीसी समुदाय महत्वपूर्ण
कांग्रेस का कहना है कि आदिवासी समुदाय पहले से ही महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़ा है। इसके साथ ही, अन्य समुदायों का भी गठबंधन को समर्थन मिल रहा है। ऐसे में, अगर ओबीसी समुदाय को भी अपने साथ जोड़ा जा सके, तो भाजपा के लिए राज्य में सत्ता में वापसी की राह बेहद मुश्किल हो जाएगी।
आचार संहिता से पहले पहल की उम्मीद
कांग्रेस की कोशिश है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस प्रस्ताव पर अमल करें। पार्टी का मानना है कि ओबीसी समुदाय के साथ आने से चुनाव में कांग्रेस और महागठबंधन की स्थिति और भी मजबूत हो जाएगी, जिससे भाजपा को झारखंड में बड़ा झटका लगेगा।
कांग्रेस का यह कदम चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है, जो झारखंड के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। पार्टी का पूरा ध्यान अब ओबीसी समुदाय पर है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर क्या कदम उठाते हैं।