डिजीटल डेस्क : Waqf Bill पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जताई चिंता, बोले – इसके पीछे विदेशी ताकतें, जांच जरूरी। Waqf (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति को करीब 1.25 करोड़ फीडबैक मिलने पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चिंता जताई है। सांसद निशिकांत दुबे ने इसके पीछे विदेशी ताकतों के होने की आशंका जताते है। साथ ही भाजपा सांसद ने इन फीडबैक के स्त्रोत की जांच की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई कि इनके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन की भूमिका हो सकती है। सांसद निशिकांत दुबे ने Waqf बिल की जांच कर रही समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को इस बारे में पत्र भी लिखा है।
सांसद निशिकांत का दावा – अकेले भारत में इतना फीडबैक असंभव
सांसद निशिकांत दुबे ने संसदीय जांच समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को इस पत्र में फीडबैक के स्त्रोतों की जांच में कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों और आईएसआई और चीन जैसी विदेशी ताकतों के साथ-साथ उनके प्रॉक्सी की संभावित भूमिका की भी जांचने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि ये फीडबैक किन जगहों से दाखिल किए गए इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि अकेले भारत से इतनी बड़ी संख्या में फीडबैक मिलना लगभग असंभव है। बता दें कि सांसद निशिकांत दुबे भी संसदीय समिति के सदस्य हैं। झारखंड के गोड्डा से चार बार के सांसद निशिकांत दुबे ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि -‘इतनी बड़ी संख्या में फीडबैक से एक वैश्विक रिकॉर्ड स्थापित हो गया है। यह एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति का संकेत देता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता’।
दुबे की आशंका – भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हेरफेर की साजिश में जुटीं विदेशी ताकतें
सांसद निशिकांत दुबे ने संसदीय जांच समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लिखे अपने पत्र में कहा कि ‘यह जानना जरूरी है कि क्या विदेशी संस्थाएं, संगठन और व्यक्ति जानबूझकर हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए इतनी बड़ी संख्या में फीडबैक भेज रहे हैं?
उन्होंने कहा कि ‘भारत में एक मजबूत संसदीय प्रणाली वाला देश है, और इस तरह एकजुट होकर विदेशी हस्तक्षेप के माध्यम से इसे प्रभावित करने का कोई भी प्रयास राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए सीधा खतरा है। इन फीडबैक के एक बड़े हिस्से की सामग्री एक जैसी है या इसमें मामूली बदलाव हैं, जिससे संकेत मिलते हैं कि इनमें से कई फीडबैक एक संगठित अभियान का हिस्सा हो सकते हैं।’
इस्लामी कट्टरपंथी संगठन की भूमिका की ओर इशारा करते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ‘ये समूह अक्सर बाहरी शक्तियों द्वारा वित्तपोषित या उनके प्रभाव में होते हैं, जो भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित करना चाहते हैं। ये लोग भारत के लोकतंत्र को अस्थिर करना चाहते हैं और हमारी विधायी प्रक्रियाओं को बाधित करना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इस बात पर शक करने की वजह ये है कि ये तत्व वक्फ विधेयक पर विचार-विमर्श का लाभ उठाकर मतभेद पैदा कर रहे हैं और जनमत का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। ये प्रयास कट्टरपंथी समूहों द्वारा हमारे देश में संवेदनशील मुद्दों में हेरफेर करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।’

Waqf Bill : गोड्डा सांसद ने कट्टरपंथी इस्लामवादी प्रचारक जाकिर नाइक पर खुलकर आशंका जाहिर की
सांसद निशिकांत दुबे ने इसी पत्र में आगे लिखा है कि कट्टरपंथी इस्लामवादी प्रचारक जाकिर नाइक के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता। सांसद दुबे ने पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई, चीन और जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश और तालिबान जैसे कट्टरपंथी संगठनों जैसी विदेशी शक्तियों का भी जिक्र किया। सांसद ने कहा कि वे लंबे समय से भारत को अस्थिर करने और इसके लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक का मुस्लिम समूहों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप की कोशिश की जा रही है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस विधेयक का विरोध किया था, जिसके बाद सरकार ने वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का फैसला किया था।
संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक पर आम सहमति बनाने के लिए लोगों के फीडबैक मांगे थे और इसके लिए विज्ञापन जारी किया था। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि किसी ने कभी नहीं सोचा था कि पैनल को करोड़ों की संख्या में सिफारिशें मिलेंगी। उन्होंने कहा था कि अगर 1,000 फीडबैक भी मिलते तो इसे एक बड़ी संख्या माना जाता था।
Highlights