रांची: साल 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो दोपहर 2:58 बजे होगा। इस दिन खरमास का भी समापन होगा, और इसके साथ ही शुद्धता और शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। मकर संक्रांति का पर्व इस वर्ष भौम पुष्य नक्षत्र और स्थिर योग के साथ मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
इस दिन चंद्र और मंगल की युति से महालक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है, जो जीवन में समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति का संकेत देता है। इस अवसर पर विशेष रूप से सूर्य मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है, और इसे पुण्यकारी माना जाता है।
इस पर्व के दौरान ऊनी वस्त्र, कंबल, धार्मिक पुस्तकें, विशेष रूप से पंचांग का दान करना पुण्य फल देने वाला माना जाता है। विशेष रूप से इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मकर संक्रांति का यह पर्व नए फसलों के आगमन का प्रतीक भी है और इसे कृषि समुदाय द्वारा बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य की पूजा से न केवल शारीरिक उर्जा मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मकता भी मिलती है।
इसके साथ ही, खरमास के समाप्त होने के बाद 16 जनवरी से विवाह के मुहूर्त शुरू हो जाएंगे, और 2025 के पहले छह महीनों में प्रत्येक महीने में लग्न का दिन रहेगा। जनवरी महीने में 16 से 27 तारीख तक विवाह के कई शुभ मुहूर्त होंगे, और फरवरी में भी विवाह के और मुहूर्त निर्धारित हैं।
इस दिन से सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी, और समग्र रूप से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।