रांची: झारखंड के वरिष्ठ नेता और वित्त मामलों के जानकार राधा कृष्ण किशोर ने केंद्रीय बजट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड को बजट में वह नहीं मिला, जो उसे मिलना चाहिए था। उन्होंने केंद्र सरकार पर झारखंड की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की खनिज संपदा और राजस्व योगदान के अनुपात में उसे बजट से लाभ नहीं मिला।
राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है, जहां गरीब, शोषित, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। ऐसे में उनके समुचित विकास के लिए किसी भी ठोस योजना का बजट में उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का दृष्टिकोण झारखंड के प्रति स्पष्ट नहीं है।
वित्त मंत्री ने कर ढांचे को लेकर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि कर छूट के लिए 12 लाख रुपये की जो सीमा तय की गई है, वह कम है और इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाना चाहिए था।
राधा कृष्ण किशोर ने बजट में बिहार को दिए गए विशेष लाभों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए बिहार को प्राथमिकता दी गई, जबकि झारखंड को अनदेखा किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पहले के दशकों में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच ऐसा भेदभाव नहीं किया जाता था। राधा कृष्ण किशोर के इस बयान से साफ है कि झारखंड में बजट को लेकर असंतोष है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि झारखंड को उसके संसाधनों और जरूरतों के अनुसार उचित वित्तीय सहयोग मिले, ताकि राज्य का समुचित विकास हो सके।