मधेपुरा: सरकार और प्रशासन के लाख दावे के बावजूद डंके की चोट पर डाला जा रहा डाका. ये डाका कोई मामूली डाका नहीं, बल्कि गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा है. क्योंकि मामला पीडीएस के अनाज से जुड़ा है. जिसे सरकार और विभाग के बड़े पदाधिकारियों ने गरीबों का पेट भरने का ठेका दे रखा है, वे अपना पेट और गला दोनों भरने में लगे हैं. राशन के काले कारोबार को रात के अंधेरे में चोरी-छुप्पे अंजाम दिया जाता है. यहां लाभुकों को छोटी रकम में मिलने वाले अनाज को मार्केट में मोटी रकम में बेच दिया जाता है.
ताजा मामला मुरलीगंज प्रखंड के हरिपुर कला पंचायत के पकिलपार गांव का है. जहां पीडीएस डीलर सुरेन्द्र राम रात के अंधेरे में लाभुकों से ई-पास मशीन में अंगूठा लगवाते नजर आ रहे हैं. ग्रामीण से सवाल पूछे जाने पर बताते हैं कि ई-पास मशीन कल एक्सपायर होने वाला है. इसलिए आज रात अंगूठा लगवा रहे हैं. दोबारा सवाल पूछने पर वे अपने अपराध को स्वीकारते हुए समाज और डीलर की सांठ-गांठ के बात को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं. वे कहते हैं कि समाज में उल्टा-सीधा कह लेते हैं.
मुरलीगंज प्रखंड के दीनापट्टी सखुआ पंचायत के किराना दुकानदार को पीडीएस डीलर आरती देवी, पति अनिल यादव 17 बोरा उसना चावल बेचते पकड़ी गयी हैं. इन्हें किसी और ने नहीं बल्कि रात के अंधेरे में ग्रामीणों ने ही पकड़ा है. ग्रामीणों ने राशन के चावल की कालाबाजारी की जानकारी काली रात में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को दे डाली. सरकारी अधिकारी पहुंचे और दुकानदार के आंगन में पड़े 17 बोरा पीडीएस चावल भी देखा. दुकानदार ने बताया कि पीडीएस दुकान से उन्हें यह चावल 21-22 रूपए प्रतिकिलो बेचा जाता है.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. राशन की कालेबाजारी में बताते हुए अनाज माफिया के बारे में पकिलपार के ब्रह्मदेव यादव ने बताया कि डीलर एक माह में दो बार अंगूठा लगवाते हैं. हर माह उन्हें अनाज भी नहीं मिलता, उसना चावल का नसीब नहीं है. अरवा चावल में धान की भूसी और कंकड़ भरे रहते हैं. चावल ऐसा कि गले से ना उतरे.
हालांकि इस मामले से अनुमंडल पदाधिकारी मधेपुरा को अवगत कराया गया है. जिन्होंने मामले को लेकर संबंधित पदाधिकारी से जांच कराने की बात कही है. जांच के दौरान मामला सत्य पाया जाता है, तो सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट- राजीव रंजन