रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में हजारों सीटें अब भी खाली पड़ी हैं। राज्य के 80 उत्कृष्ट स्कूलों में कुल 60,408 सीटों की क्षमता है, लेकिन अब तक केवल 45,157 विद्यार्थियों का नामांकन हो पाया है। यानी करीब 15,251 सीटें अब भी रिक्त हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिये हैं कि वे शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करें। विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो संबंधित पदाधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
जिलावार आंकड़ों के अनुसार, गोड्डा जिले में सर्वाधिक 45 प्रतिशत सीटें खाली हैं। इसके बाद गुमला में 40 प्रतिशत, रामगढ़ में 38 प्रतिशत, कोडरमा में 37 प्रतिशत, लोहरदगा में 36 प्रतिशत और चतरा में 34 प्रतिशत सीटें रिक्त हैं। अन्य जिलों में भी 9 प्रतिशत से 29 प्रतिशत तक सीटें खाली हैं।
विभाग ने विद्यालय प्रबंधकों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिये हैं कि वे अभिभावकों और विद्यार्थियों को जागरूक कर अधिक से अधिक नामांकन कराएं।
स्क्रूटनी के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू
इधर, झारखंड अकादमिक काउंसिल (JAC) ने मैट्रिक और इंटर परीक्षा 2025 के परीक्षार्थियों के लिए उत्तरपुस्तिकाओं की स्क्रूटनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। विद्यार्थी 28 जून तक जैक की आधिकारिक वेबसाइट www.jac.jharkhand.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। मैट्रिक के छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए 450 रुपये और इंटर के छात्रों को 750 रुपये प्रति विषय शुल्क देना होगा।
यह स्क्रूटनी केवल सैद्धांतिक विषयों के लिए मान्य होगी, प्रायोगिक और आंतरिक मूल्यांकन अंकों की स्क्रूटनी नहीं की जाएगी।
पढ़ाई पर होगी सख्त निगरानी
मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में पहली बार सीबीएसई मान्यता के तहत 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आयोजित की गईं। हालिया परीक्षा परिणामों में 12वीं के विज्ञान संकाय में 62% और कला संकाय में 74% विद्यार्थी पास हुए, वहीं 10वीं में पास प्रतिशत 67% रहा। आगामी परीक्षाओं में परिणाम बेहतर बनाने के लिए विभाग ने पठन-पाठन की सख्त निगरानी और अनुशासन लागू करने का निर्देश भी जारी किया है।