पटना: बिहार में लंबे समय से शिक्षकों के स्थानांतरण की मांग को देखते हुए शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से भारी संख्या में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग की। ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बावजूद कई शिक्षक लगातार संबंधित जिलों से लेकर शिक्षा विभाग मुख्यालय तक अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं और गलत तरीके से स्थानांतरण का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि बड़ी संख्या में स्थानातंरण किये जाने के बाद भी शिक्षक असंतुष्ट हैं और विभिन्न स्तर पर शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। कई ऐसे विद्यालय हैं जहां से स्थानांतरण के बाद शिक्षक दूसरे विद्यालय में अपना योगदान दे चुके हैं लेकिन उस विद्यालय में अब तक स्थानांतरित शिक्षकों ने अपना योगदान नहीं दिया है जिसकी वजह से पठन पाठन प्रभावित हो रहा है।
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शिक्षक खुद विद्यालय चयन कर करेंगे अपना स्थानांतरण
एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने आगे कहा कि सरकार ने निर्णय लिया गया है कि अब शिक्षकों को अपना स्थानांतरण कर विद्यालय स्वयं चयनित करने का मौका देगी। इसके लिए एक ही प्रकार दो या अधिकतम दस शिक्षक एक ग्रुप बना कर विद्यालयों में अपना परस्पर स्थानांतरण कर सकेंगे। इसके लिए शिक्षकों का एक ही तरह का होना जरूरी है जैसे नियमित शिक्षक नियमित के साथ ही केवल ग्रुप बना सकेंगे इसके साथ ही एक विषय के शिक्षक आपस में ग्रुप बना कर परस्पर स्थानांतरण कर सकेंगे।
शिक्षक देख सकेंगे स्थानांतरण के लिए इक्षुक शिक्षकों की सूची
डॉ एस सिद्धार्थ ने अपने पत्र में लिखा है कि अब शिक्षक ई शिक्षा कोष पोर्टल पर स्थानांतरण के लिए इक्षुक शिक्षकों की सूची देख सकेंगे और दो या अधिकतम दस शिक्षकों का चयन कर पारस्परिक स्थानांतरण कर सकते हैं। शिक्षकों को एक दूसरे का नंबर देखने के लिए ओटीपी डालना होगा। आपस में बातचीत के बाद शिक्षक ई शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे जिसका निस्तारण अधिकतम तीन दिनों में कर दिया जायेगा और अधिकतम 7 दिनों में शिक्षक अपने वांछित स्कूल में योगदान देंगे। ग्रुप के एक भी शिक्षक अगर अपना योगदान देने से मना करते हैं तो फिर पूरे ग्रुप का स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया जायेगा।
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स्थानांतरण के लिए शिक्षा विभाग के इस नए व्यवस्था में शिक्षा विभाग का राज्य मुख्यालय या जिला स्थापना समिति की कोई भूमिका नहीं होगी या कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए यह व्यवस्था 10 जुलाई से पूरे जुलाई महीने तक रहेगा।
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