बोकारो: ज़िले के चास स्थित आस्था ज्वेलर्स में हुई सनसनीखेज डकैती की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले का मास्टरमाइंड पटना के बेउर जेल में बंद कुख्यात अपराधी अविनाश श्रीवास्तव निकला है। पुलिस के अनुसार, डकैती की पूरी योजना अविनाश के इशारे पर बनाई गई थी, जिसे उसके गुर्गों करण उर्फ देवा, राहुल पटेल उर्फ डायमंड और बीरू उर्फ गोलू उर्फ रोनित ने अंजाम तक पहुंचाया।
बोकारो एसपी हरविंदर सिंह ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि यह गिरोह डकैती से पहले रेकी करने के लिए 12-13 जून को पुरुलिया के सिंह होटल में ठहरा था। 14 जून को अंतिम बार रेकी कर ये लोग लौट गए। 23 जून को गिरोह के अन्य सदस्य—रौशन सिंह, डायमंड, नीतेश कुमार, आदित्य राज, प्रिंस कुमार सुमन, मुसाफिर हवारी और अक्षय—चास पहुंचे और आईटीआई मोड़ के पास ठहरे।
डकैती में चार अपराधियों—रौशन सिंह, डायमंड, आदित्य राज और प्रिंस—ने आस्था ज्वेलर्स पर धावा बोला। डकैती के बाद वे आईटीआई मोड़ लौटे और कार से धनबाद होते हुए पटना फरार हो गए।
पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 24 जून की सुबह ही सभी छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से डकैती में लूटे गए 23 सोने की अंगूठियां, छह हार, एक ब्रेसलेट, ₹13,820 नकद, दो कारें बरामद की गईं। बरामद सामान की कुल कीमत लगभग ₹10 लाख आंकी गई है।
एसपी ने यह भी बताया कि गिरफ्तार प्रिंस और अन्य आरोपी 19 जून को पेटरवार के शराब दुकान में पांच लाख की लूट में भी शामिल थे। लूट के बाद ये अपराधी रांची भाग गए थे। इस गिरोह का एक सदस्य करण उर्फ देवा अब भी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
अविनाश श्रीवास्तव के आपराधिक इतिहास की बात करें तो वह कंकड़बाग, पटना का निवासी है और उस पर हत्या, गांजा तस्करी, बैंक चोरी सहित 20 से अधिक गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। उसने अपने पहले मर्डर में पिता के हत्यारे को 32 गोलियां मारी थीं। बेउर जेल में बंद अविनाश ने पूछताछ में 20 हत्याओं की बात खुद कबूली है।
पुलिस ने गिरफ्तार सभी अपराधियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वे बिहार के पटना चौक, एसडीओ रोड हाजीपुर, मठिया थाना पश्चिमी चंपारण और बेतिया चनपटिया क्षेत्र के निवासी हैं।