Thursday, July 3, 2025

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UNSC की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान ने फिर छेड़ा पुराना राग, भारत के खिलाफ चली ये चाल

Desk. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता जुलाई 2025 के लिए पाकिस्तान को मिल गई है। जनवरी 2025 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुने गए पाकिस्तान को अब रोटेशन प्रक्रिया के तहत यह जिम्मेदारी मिली है। परिषद के...

Desk. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता जुलाई 2025 के लिए पाकिस्तान को मिल गई है। जनवरी 2025 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुने गए पाकिस्तान को अब रोटेशन प्रक्रिया के तहत यह जिम्मेदारी मिली है। परिषद के कुल 15 सदस्यों में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य है। इसमें अध्यक्षता हर महीने अल्फाबेटिक ऑर्डर में बदलती है।

UNSC की अध्यक्षता मिलते ही पाक ने फिर छेड़ा पुराना राग
अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान ने एक बार फिर पुराना कश्मीर राग छेड़ दिया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाते हुए कहा कि UNSC को अब इस विवाद पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, “कश्मीर का विवाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह बना हुआ है। यह सिर्फ पाकिस्तान की नहीं, बल्कि सुरक्षा परिषद, खासकर उसके स्थायी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वो इस मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कराएं।”

भारत का सख्त जवाब
हालांकि, भारत ने पाकिस्तान की इस कोशिश पर कड़ा रुख अपनाते हुए दो टूक कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह पूरी तरह आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का मकसद सिर्फ वैश्विक मंचों पर भारत को बदनाम करने की असफल कोशिश करना है। भारत का कहना है कि अगर पाकिस्तान से कोई बातचीत हो सकती है तो वो केवल पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस लेने पर होगी।

पाकिस्तान ने शिमला समझौता किया रद्द
वहीं 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक सीमित युद्ध जैसी स्थिति बनी रही।
संघर्ष में भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने एकतरफा तौर पर शिमला समझौते को रद्द कर दिया। इस समझौते में यह तय हुआ था कि भारत और पाकिस्तान आपसी विवादों को केवल द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाएंगे। लेकिन पाकिस्तान पहले भी कश्मीर मसले को कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है।