पूर्वी चंपारण: पूर्वी चंपारण में एक बड़ी घटना होने से बच गई जब एक विद्यालय में एनजीओ के द्वारा सप्लाई किये गए मध्याह्न भोजन (MDM) में मरी हुई मकड़ी मिली। हालांकि अभी बच्चों को खाना दिया ही जा रहा था तभी मकड़ी पर नजर पड़ गई और बच्चों को खाने के लिए नहीं दिया गया। मामला सुगौली प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भटवा टोला का है जहां MDM में मरी हुई मकड़ी देखी गई। मामले की जानकारी मिलते ही प्रधानाध्यापक कलीमुल्लाह अंसारी ने एनजीओ और प्रखंड मध्याह्न प्रभारी सच्चिदानंद सिंह को दी।
सूचना मिलने के बाद MDM प्रभारी ने छात्रों को खाना नहीं खिलाने का निर्देश देते हुए प्रखंड क्षेत्र के सभी विद्यालयों को जानकारी दी। विद्यालय के पांचवीं कक्षा के छात्र अल्तमस, आसीफ, वाजिद अंसारी, सकील अंसारी और मुन्ना अंसारी सहित अन्य ने बताया कि MDM का खाना गाड़ी से आया। एनजीओ वाले खाना निकाल कर दे रहें थे इसी दौरान खाना में मरी हुई मकड़ी नजर आई।
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छात्रों ने मरी मकड़ी के बारे में बताया तो एनजीओ कर्मी छात्रों को इसकी जानकारी प्रधानाध्यापक को देने से मना किया लेकिन छात्रों ने इसकी जानकारी एचएम को दी और एचएम ने इसकी सूचना विभाग को दी। विद्यालय की रसोइया बेगम खातून, तसिमा खातून और तमन्ना खातून खाना में मकड़ी मिलने की बात कहते हुए बताया कि खाना बच्चों को नहीं खिलाकर वापस कर दिया गया। वहीं मौके पर पहुंचे MDM प्रभारी सच्चिदानंद सिंह ने बताया कि एनजीओ के खाना में मकड़ी मिलने के कारण खाना वापस कर दिया गया।
वहीं विद्यालय की शिक्षा समिति की सचिव अमिना खातुन ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि एनजीओ का खाना दूषित आता है, जिससे छात्रों को खिलाने पर उनके जीवन पर खतरा बन सकता है इसलिए विद्यालय में ही छात्रों के लिए एमडीएम बनवाया जाए।
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मोतिहारी से सोहराब आलम की रिपोर्ट