झरिया: झरिया-सिंदरी मार्ग पर इंदिरा चौक फुलारीबाग के समीप बनियाहीर में अचानक गोफ बन गया. इसमें पुराना बंद पड़ा 407 वाहन 15 फीट नीचे जमीन में समा गया.
रियाज मियां की दुकान के पीछे करीब 10 फीट व्यास में जमीन धंस गयी. गोफ बनने के बाद वहां अफरातफरी मच गयी. बस्ती के लोगों में भय व्याप्त है.
सूचना मिलने पर झरिया पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गयी और लोगों को घटनास्थल पर जाने से रोक दिया. इस दौरान लोगों ने बीसीसीएल के विरोध में नारेबाजी की. इस घटना ने 24 मई 2017 का वाकया याद दिला दिया है. उस दिन सुबह सात बजे फुलारीबाग निवासी बबलू खान (39) अपने 10 साल के बेटे रहीम के साथ जमींदोज हो गये थे.
झरिया पुलिस ने लोगों को घटनास्थल पर जाने से रोका
झरिया के फुलारीबाग में वाहन जमींदोज होने की घटना के बाद लोगों में बीसीसीएल के प्रति आक्रोश है. घटना के बाद बगल के दुकानदार अनवर मियां (फर्नीचर), मुंडा मियां व कलाम मियां मोटर पार्ट्स दुकानों से सामानों को निकालने लगे. इसकी सूचना मिलते ही झरिया इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार दलबल के साथ पहुंचे और घटनास्थल से लोगों को खदेड़ा.
पुलिस ने घटनास्थल पर लोगों को जाने से रोक दिया है. इंस्पेक्टर ने लोदना जीएम निखिल बी त्रिवेदी को मोबाइल पर घटना की सूचना दी. इधर, घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने बीसीसीएल के प्रति आक्रोश जताते हुए नारेबाजी की. कहा कि प्रबंधन की उदासीनता के कारण घटना हुई है.
सूचना मिलने के बाद भी बीसीसीएल अधिकारी नहीं पहुंचे थे. इससे लोगों में आक्रोश है. इधर घटनास्थल पर गैस रिसाव होने से लोगों में भय व्याप्त है. इंदिरा चौक के आसपास के लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. पुलिस वहां बैरिकेडिंग कर लोगों को घटनास्थल पर जाने से रोक रही है.
घटनास्थल के बगल में 2017 में पिता-पुत्र हो गये थे जमींदोज
झरिया के फुलारीबाग इंदिरा चौक के पास 24 मई 2017 को सुबह सात बजे जोरदार आवाज के साथ पिता-पुत्र जमींदोज हो गये थे. फुलारीबाग निवासी बबलू खान (39) अपने 10 साल के बेटे रहीम के साथ सुबह सवा सात बजे इंदिरा चौक पर चाय पीने आये थे. चाय पीने के बाद बबलू खान ने बेटा रहीम को घर जाने को कहा.
रहीम जैसे ही घर की ओर बढ़ा, अचानक जमीन धंसने लगी. वह घबरा गया. सड़क के दूसरी ओर खड़े पिता चीखने लगे. बेटे को बचाने के क्रम पिता-पुत्र जमीन के अंदर समा गये.
लोगों ने तत्काल बीसीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन को सूचना दी थी. लोगों ने पिता-पुत्र को बचाने के लिए 50 फीट लंबी रस्सी गोफ में डाली. लेकिन दोनों को बचा नहीं पाये. उस समय रेस्क्यू टीम ने आठ घंटे की मरम्मत के बाद 50 फीट मिट्टी की खुदाई कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था.