Monday, August 4, 2025

Related Posts

सैमसंग के कोरियाई सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा की ट्रेनिंग की सीयूजे में शुरुआत

रांची. सीयूजे में 8 दिवसीय भारतीय भाषा और कल्चर ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन आज झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जलयोद्धा पद्मश्री उमा शंकर पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी, कोरिया के प्रो. यि यूंग ली एवं प्रो. कोह ते जिन और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास की मौजूदगी में हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल योद्धा पद्मश्री उमा शंकर पांडेय ने झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के कोरियन इंजीनियरों की ट्रेनिंग की इस पहल की सराहना की।

उन्होंने कुलपति क्षिति भूषण दास को झारखंड को विश्व पटल पर रखने के लिए साधुवाद दिया और विश्वविद्यालय को जल के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने अपने विशेष उद्बोधन में जल के संरक्षण की बात रखी और मानव जीवन में उसकी अहमियत पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रख्यात पत्रकार और विश्लेषक हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने भी इस एक्सचेंज प्रोग्राम की सराहना की।

उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया के सैमसंग का झारखंड राज्य के केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ ये सांस्कृतिक संवाद असली भारत के साथ जोड़ता है और यह सचमुच में एक सराहनीय पहल है दो देशों के बीच भाषायीय और सांस्कृतिक संबंध जोड़ने का। उन्होंने अपने विशेष उद्बोधन में भारत को सही मायने में 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में सबकी भूमिका पर अपना जोरदार विचार रखा, जिसमें उन्होंने महान विभूतियों के जीवन से बातें लेकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और दोनों देशों के बीच जुड़ाव के लिए इस तरह के कार्यक्रम की महत्ता को बताया। साथ ही दक्षिण कोरिया जैसे मित्र देश के साथ इस प्रगाढ़ता और दोनों देशों की संस्कृति और भाषा के आदान-प्रदान में सीयूजे की भूमिका के बारे में सभी अतिथियों को बताया। उन्होंने सीयूजे को अंतरराष्ट्रीय पटल पर ले जाने के अपने संकल्प को दोहराया।

कार्यक्रम में हांकुक विश्वविद्यालय के प्रो. यि यूंग ली एवं प्रो. कोह ते जिन ने अपनी हिंदी भाषा के विस्तृत ज्ञान को सबके समक्ष रखा तथा धाराप्रवाह शुद्ध उच्चारण के साथ हिंदी में बोलकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के साथ अपने पुराने संबंध को और आगे प्रगाढ़ करने पर जोर दिया और झारखंड आने पर अपनी जोरदार स्वागत पर अपनी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि हम हर साल इस अवसर पर भारत आते है, और यहां से हम हर बार कुछ सीख कर जाते हैं।
प्रो. श्रेया भट्टाचार्जी, डीन, भाषा संकाय ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह न केवल छात्रों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि कोरिया और भारत के बीच मैत्री को भी बढ़ावा देगा।

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय और कोरिया की कंपनी सैमसंग के बीच समझौते के तहत भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा को सीखने के लिए हर वर्ष कोरिया से सैमसंग के कर्मचारी सीयूजे आते हैं। इस वर्ष भी 14 सदस्यीय टीम आज रांची पहुंची है, जिनकी 8 दिन के टेंडम क्लास के जरिए ट्रेनिंग होगी। अपने प्रवास के दौरान ये प्रशिक्षु झारखंड की आदिवासी परंपरा और संस्कृति से भी रुबरु होंगे। इसके साथ ही झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और खनिज संपदा से परिचित कराया जाएगा।

हिंदी भाषा के ज्ञान के लिए हिंदी तकनीकी शब्दावली भी सिखाई जाएगी। यह टीम पतरातु झील और बिरसा मुंडा के गांव खूंटी भी जाएगी। सभी छात्र विश्वविद्यालय के कोरियाई भाषा के छात्रों के साथ बातचीत भी करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय प्रकोष्ठ के संयोजक और सहायक प्राध्यापक, शशि मिश्रा ने सभी का स्वागत किया और पुष्पगुच्छ और स्मारिका देकर विश्वविद्यालय के प्रबुद्ध प्रोफेसरों और प्रशासनिक अधिकारियों से गणमान्य अतिथियों को सम्मानित कराया। समापन मुकेश कुमार जायसवाल, सहायक प्राध्यापक के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्र गान से हुआ।

127,000FansLike
22,000FollowersFollow
587FollowersFollow
562,000SubscribersSubscribe