रांची सदर अस्पताल में खून चढ़ाने के बाद थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा एचआईवी पॉजीटिव पाया गया। झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से इलाज और सुविधाओं पर जवाब मांगा।
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने उस मामले को गंभीरता से लिया है जिसमें रांची सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित 10 वर्षीय बच्चे को खून चढ़ाने के बाद एचआईवी पॉजीटिव पाया गया। इस पर चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार, स्वास्थ्य सचिव और रांची सदर अस्पताल के सिविल सर्जन से जवाब मांगा है।

Key Highlights
सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को खून चढ़ाने के बाद एचआईवी संक्रमण
परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का लगाया आरोप
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव और सिविल सर्जन से मांगा जवाब
थैलेसीमिया मरीजों के इलाज और सुविधाओं की कमी पर अदालत ने जताई चिंता
सरकार को हेमेटोलॉजिस्ट नियुक्ति और खून चढ़ाने की व्यवस्था पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
दरअसल, परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर बच्चे के पिता ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई। अदालत ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमर्त्य चौबे ने बताया कि राज्य में थैलेसीमिया रोगियों के इलाज की स्थिति बेहद खराब है। रांची सदर अस्पताल में केवल एक हेमेटोलॉजिस्ट नियुक्त है, जबकि अन्य जिलों में न डॉक्टर हैं और न ही पर्याप्त संसाधन। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया है कि खून चढ़ाने की व्यवस्था, उपचार सुविधा और हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति पर विस्तृत रिपोर्ट अगली सुनवाई तक दाखिल की जाए।
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