Jamshedpur: शहर में शुक्रवार को आदिवासी समाज की ओर से एक विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई। यह रैली करणडीह से प्रारंभ होकर उपायुक्त कार्यालय (DC ऑफिस) तक पहुंची, जहां जाकर इसका समापन हुआ। रैली में हजारों की संख्या में आदिवासी पुरुष, महिलाएं और युवा पारंपरिक परिधान, ढोल-नगाड़ों और तीर-धनुष के साथ शामिल हुए।
रैली में उमड़ा जनसैलाब :
सुबह से ही विभिन्न गांवों और पंचायतों से लोग पारंपरिक झंडे, बैनर और नारे लिखे पोस्टर लेकर करणडीह पहुंचे। वहां से यह रैली मार्च करते हुए टेल्को, बारीडीह, बर्मामाइंस होते हुए जिला मुख्यालय पहुंची। पूरे मार्ग में जय सरना, आदिवासी एकता जिंदाबाद जैसे नारे गूंजते रहे।
रैली में शामिल लोगों ने कहा कि आदिवासी समाज ही इस भूमि का मूल निवासी है, और एसटी-एससी सूची में असली हकदार भी वही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समय-समय पर अन्य समुदायों द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने की मांग अनुचित है और इससे आदिवासियों के अधिकारों का हनन होता है।
आदिवासी नेताओं का बयान :
रैली का नेतृत्व कई प्रमुख आदिवासी संगठनों और सामाजिक नेताओं ने किया। उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि आदिवासी समाज के आरक्षण अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।
आदिवासी नेता ने कहा कि हम ही इस धरती के असली निवासी हैं। हमारे पूर्वजों ने जंगल, जमीन और जल की रक्षा की है। अब बाहरी लोग हमारे अधिकारों में दखल देना चाहते हैं, जो किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। दूसरे वक्ता ने कहा कि सरकार यदि अन्य जातियों को एसटी का दर्जा देती है तो यह संविधान के मूल भावना के खिलाफ होगा। हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
प्रशासन को सौंपा ज्ञापन :
रैली के अंत में आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त (DC) को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने मांग की कि राज्य और केंद्र सरकार आदिवासी आरक्षण व्यवस्था से छेड़छाड़ न करें और मूलवासी पहचान को कानूनी रूप से संरक्षित किया जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि आदिवासी इलाकों में गैर-आदिवासी लोगों द्वारा भूमि खरीद-बिक्री और अतिक्रमण की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाई जाए और छोटानागपुर-कोल्हान क्षेत्र के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा की जाए।
शांतिपूर्ण तरीके से हुआ प्रदर्शन :
पूरी रैली के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। बड़ी संख्या में पुलिस बल और महिला पुलिस कर्मी तैनात थे। रैली शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई, लेकिन प्रशासन ने संभावित तनाव को देखते हुए एहतियात बरता।
रिपोर्टः लाला जबीन
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