Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में बड़ा हंगामा देखने को मिला। तांबो चौक पर उस समय हालात अचानक तनावपूर्ण हो गए जब नो एंट्री आंदोलन को लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस हिंसक झड़प से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान सदर एसडीपीओ बहामन टूटी का वाहन भी पत्थरबाजी में क्षतिग्रस्त हो गया।
ग्रामीणों की मांग — दिन में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोकः
ग्रामीणों का कहना है कि एनएच-220 और चाईबासा बाईपास पर दिन के समय भारी वाहनों की आवाजाही के कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसी को लेकर ग्रामीण लंबे समय से आवाज उठा रहे थे, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण वे आंदोलन पर उतर आए।सोमवार को सैकड़ों ग्रामीण चाईबासा के परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के आवास का घेराव करने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने पहले ही उन्हें तांबो चौक पर रोक दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने वहीं सड़क पर धरना शुरू कर दिया।
धरने से लेकर बवाल तक — कैसे भड़की स्थितिः
धरना देर शाम तक चलता रहा। ग्रामीणों ने सड़क पर ही चूल्हा जलाकर खाना बनाया, गीत-संगीत किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रात गहराने के साथ ही ग्रामीणों ने मुख्य सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गई। पुलिस ने जब उन्हें हटाने की कोशिश की, तो भीड़ अचानक उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। कई प्रदर्शनकारी इधर-उधर भागने लगे, जिससे मौके पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
पुलिस की सफाईः
सदर एडीपीओ बहामन टूटी ने बताया कि प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को सुबह से ही समझाने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। रात में अचानक भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद हमें मजबूरन जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती, हालात काबू मेंः
झड़प के दौरान कई लोग मामूली रूप से घायल हुए, हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई। कुछ घंटों तक चाईबासा-झाड़ग्राम मार्ग पर यातायात पूरी तरह बाधित रहा। देर रात पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया और सड़क को खाली कराया।फिलहाल इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
ग्रामीणों की चेतावनी — मांगें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन जारी रहेगाः
घटना के बाद ग्रामीण नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि जब तक दिन में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक नहीं लगाई जाती, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
क्यों भड़का ‘नो एंट्री आंदोलन’:
जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में एनएच-220 और चाईबासा बाईपास पर कई सड़क हादसे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह और शाम के समय स्कूली बच्चे व स्थानीय लोग इस मार्ग से गुजरते हैं, ऐसे में भारी वाहनों की तेज रफ्तार उनके लिए खतरा बन गई है। प्रशासन को कई बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने ‘नो एंट्री आंदोलन’ शुरू किया।
घटना के बाद चाईबासा प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन माहौल में अभी भी तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
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