Chaibasa: जिले के ब्लड बैंक में पिछले कई दिनों से खून की भारी कमी बनी हुई है। ब्लड स्टॉक लगभग खत्म हो गया है, जिसके चलते मरीजों को जरूरत पड़ने पर खून उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। शुक्रवार को दो गंभीर मरीजों के परिजन तब टूट पड़े जब अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बताया कि किसी भी ब्लड ग्रुप का खून उपलब्ध नहीं है।
HIV पॉजिटिव ब्लड मामले के बाद कड़ी जांच की प्रक्रियाः
जानकारी के अनुसार हाल ही में एचआईवी पॉजिटिव खून थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाए जाने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने रक्त स्क्रीनिंग प्रक्रिया को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं। अब चाईबासा ब्लड बैंक में जमा खून को जांच के लिए जमशेदपुर भेजा जा रहा है। जमशेदपुर से रिपोर्ट आने के बाद ही खून मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस प्रक्रिया में दो से तीन दिन का समय लग रहा है, जिससे ब्लड बैंक में खून का स्टॉक लगातार घटता जा रहा है।
मरीजों के परिजनों की आंखों में बेबसीः
खून नहीं मिलने के कारण अस्पताल परिसर में मरीजों के परिजन रोते-बिलखते देखे गए। कई लोग अपने परिजनों की जान बचाने के लिए ब्लड बैंक के बाहर मदद की गुहार लगाते रहे। एक मरीज के परिजन ने बताया कि “हम तीन दिन से खून के लिए भटक रहे हैं, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली।”
प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं आई आगेः
इस संकट के बाद प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे स्वेच्छा से रक्तदान करें ताकि किसी की जान खून की कमी से न जाए। स्थानीय सामाजिक संस्थाओं और युवा संगठनों ने भी अगले कुछ दिनों में रक्तदान शिविर आयोजित करने की घोषणा की है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रखंडों में रक्तदान जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
स्वैच्छिक रक्तदान ही समाधानः
हेल्थ स्पेशिलिस्ट का कहना है कि नियमित रक्तदान शिविरों के माध्यम से ही ब्लड बैंक की स्थिति को सामान्य किया जा सकता है। लोगों को यह समझना होगा कि रक्तदान से किसी की जान बच सकती है और इससे स्वास्थ्य पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता।
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