रांची : दुर्गा सोरेन सेना छेड़ेगी उलगुलान, जयश्री सोरेन का एलान- जल, जंगल और जमीन की लड़ाई
Highlights
तथा आदिवासी-मूलवासियों के हितों की रक्षा को लेकर चले लंबे संघर्ष में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के
सबसे बड़े पुत्र होने के नाते स्व. दुर्गा सोरेन ने अपना सर्वत्र न्योछावर कर दिया.
उनके अधूरे सपने को पूरा करने और हर घर के अंधियारा को दूर कर
उजियारा फैलाने के लिए अब फिर नया उलगुलान होगा.
उनके अधूरे सपने को पूरा करने के लिए दुर्गा सोरेन सेना का गठन किया गया है.
दुर्गा सोरेन सेना का राज्यस्तरीय सम्मेलन 6 अप्रैल को
संगठन का पहला राज्यस्तरीय सम्मेलन आगामी 6 अप्रैल बुधवार को
राजधानी रांची के पुराना विधानसभा स्थित विधायक क्लब सभागार में आयोजित किया जाएगा.
सम्मेलन में केंद्रीय पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा होगी.
वहीं भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा, संगठनात्मक विस्तार तथा आंदोलनात्मक कार्यक्रम समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी.
स्व. दुर्गा सोरेन का सपना नहीं हुआ पूरा- जयश्री सोरेन
दुर्गा सोरेन सेना की केंद्रीय अध्यक्ष जयश्री सोरेन ने बताया कि उनके पिता स्व. दुर्गा सोरेन ने यह सपना देखा था कि अलग झारखंड राज्य गठन के बाद हर हाथ को काम मिले, हर खेत को पानी मिले. महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा मिलें, हर बच्चा स्कूल जाएं, खेल के मैदान में अपनी प्रतिभा दिखाये, ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिलें, स्वच्छ पेयजल और बेहतर सड़क तथा 24 घंटे बिजली मिले.
युवाओं को अपने हाथ में कमान थामने की जरुरत
उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन हमारी अस्मिता हैं. अब युवाओं को अपने हाथ में कमान थामने की जरुरत है, सबको उनका हक-अधिकार मिले, चारों ओर उजियारा फैले, अंधियारा दूर हो, सबने मिलकर जो सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिए दुर्गा सोरेन सेना का गठन किया गया है. इसी क्रम में सामाजिक सेवा में अग्रसर संगठन की ओर से आगामी 6 अप्रैल को राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी और संगठन विस्तार पर चर्चा होगी. साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों में युवाओं को संगठन की नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी.
दुर्गा सोरेन संगठन के थे सबसे बड़े कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि वह और उनकी बहनें जब काफी छोटी थी, पिताजी झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे, दिशोम गुरु के नेतृत्व में पूरा झारखंड राज्य उद्वेलित था, उनकी व्यस्तता और आंदोलन के दौरान उनके भूमिगत होने की स्थिति में संगठन की सारी जिम्मेवारियों का निर्वहन पिताजी के ही कंधे पर होती थी. यही कारण है कि पूरे संतालपरगना और झारखंड राज्य में स्व. दुर्गा सोरेन को पार्टी का सबसे बड़ा संगठनकर्त्ता माना जाता हैं. संताल परगना से लेकर कोल्हान, छोटानागपुर या पलामू प्रमंडल हो, हर इलाके, हर जिले, हर प्रखंड और प्रत्येक पंचायत स्तर तक संगठन विस्तार में दिवंगत दुर्गा सोरेन ने बड़ी भूमिका निभायी. तमाम तरह की कठिनाईयों के बावजूद संगठन के अन्य नेताओं के साथ आंदोलन की गति को और धारदार बनाने तथा कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के साथ ही पूरे घर-परिवार की देखरेख की जिम्मेवारियों को भी वे बखूबी निभाया करते थे.
अधूरे सपने को पूरा करना संगठन का उद्देश्य
दुर्गा सोरेन सेना की अध्यक्ष ने कहा कि संगठन के गठन का मुख्य उद्देश्य सामाजिक है, अधूरे सपने को पूरा करने के दृष्टिकोण से पूरे राज्य में संगठन का विस्तार होगा. सभी विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों की जनसमस्याओं को चिह्नित कर उसके समाधान को लेकर आवाज बुलंद किया जाएगा. इसे लेकर मुख्यालय स्तर पर एक टीम गठित होगी, जहां आने वाली शिकायतों के त्वरित निष्पादन के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों को पत्र लिखकर और उनसे संपर्क कर समस्या के समाधान की कोशिश होगी.
पेयजल और स्वच्छता मामले में झारखंड 19वें स्थान पर
जल की बात करें, तो एसडीजी 2020 की रिपोर्ट के अनुसार पेयजल और स्वच्छता मामले में झारखंड का देशभर के 28 राज्यों में 19वां स्थान पर है. यहां की स्थिति बिहार से भी खराब है. वहीं जंगल के मामले में स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 के अनुसार वन क्षेत्र में आने वाले स्क्रब एरिया में वन कवर में 25.5 लाख डिसमिल की कमी आयी है.
झारखंड में 18.1 प्रतिशत कार्यबल बेरोजगार
रोजगार की बात करें, तो नीति आयोग और पीएलएफएस से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में 18.1 प्रतिशत कार्यबल बेरोजगार हैं. जबकि पड़ोसी राज्य ओडिशा में बेरोजगारी दर 1.1 प्रतिशत तथा छत्तीसगढ़ में 3.1 प्रतिशत है. गरीबी की बात करें तो एमपीआई 2021 के अनुसार गरीबी के मामले में झारखंड दूसरा सबसे प्रदर्शन करने वाला राज्य है, जहां 22 साल भी 42.14 आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने को मजबूर हैं.
रिपोर्ट: शाहनवाज