कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी की दिशा में आगे बढ़े विश्वविद्यालय
Ranchi- कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (Corporate Social Responsibility) की तरह विश्वविद्यालयों को यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (University Social Responsibility) की दिशा में भी सक्रिय होना चाहिए.
विद्यार्थी नजदीक के गांवों और बस्तियों में लोगों के बीच कुछ समय बिताएं,
उनकी समस्याओं के समाधान में हाथ बंटाएं और उनके जीवन-स्तर में सुधार लाने का प्रयास करें.
उक्त बातें कोल्हान विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल और कुलाधिपति रमेश बैस ने कही है.
छात्रों को संबोंधित करते हुए कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि
उपाधि ग्रहण करने वाले समस्त छात्र राष्ट्रहित में बढ़-चढ़ कर काम करेंगे.
शिक्षा मनुष्य को चरित्रवान बनाने के साथ-साथ उत्तम नागरिक भी बनाने का कारगर साधन है.
ज्ञान ही सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है, सदैव कुछ न कुछ नया जानने और सीखने वाला व्यक्ति ही इस दौर की चुनौतियों का सामना कर सकेगा.
शिक्षा सीमित अर्थ में बेहतर जीवन की तैयारी है, बड़े अर्थ में जीवन का परम उद्देश्य
शिक्षा सीमित अर्थ में बेहतर जीवन की तैयारी है और बड़े अर्थ में कहा जाए तो, यह जीवन का परम उद्देश्य है.
नैतिकता तथा अन्य चारित्रिक गुणों को आत्मसात करना भी शिक्षा का ही अनिवार्य अंग है.
जिज्ञासा, उत्साह और सतर्कता के साथ अपने ज्ञान, कौशल और बुद्धि का सदैव विकास करने वाले व्यक्ति के लिए आज अपार अवसर भी उपलब्ध हैं.
केवल अपने कौशल के बल पर आधुनिक टेक्नॉलॉजी के जरिए अनेक भारतीय युवाओं ने विश्वस्तरीय सफलताएं अर्जित की हैं.
शिक्षा राष्ट्र के आर्थिक-सामाजिक विकास का शक्तिशाली साधन है. ज्ञान से ही वास्तविक सशक्तीकरण आता है.
यदि हमारे देश को उच्च विकास के पथ पर आगे बढ़ना है तो उच्च शैक्षणिक मानकों को प्राप्त करने का निरंतर प्रयास बेहद जरुरी है.
वैश्वीकरण के इस युग में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
वैश्वीकरण के इस युग में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
विद्यार्थियों को हर हाल में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध रहना होगा.
इसके साथ ही कौशल विकास पर भी जोर देना बहुत जरूरी है.
विद्यार्थी विभिन्न प्रतिस्पर्धा में सफलता हासिल करें, इसके लिए विश्वविद्यालय को प्रतिबद्ध होकर कार्य करना जरूरी है.
विश्वविद्यालय में शोध के महत्व को समझते हुए इसके स्तर को उच्च करने का हर संभव प्रयास करना चाहिये,
शोध में हमारे विद्यार्थियों में निहित इनोवेटिव आईडिया दिखना चाहिये ताकि समाज को उसका लाभ पहुँचे.
मुझे बताया गया है कि कोल्हान विश्वविद्यालय ने एन०सी०सी० को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया है.
साथ ही विश्वविद्यालय बी०सी०ए०, बी०बी०ए०, बी०एस.सी० आई०टी०, वाटर मैनेजमेंट, बी०एड०, एम०एड० आदि व्यावसायिक पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगार सुलभ कराने योग्य बनाने की दिशा में प्रयासरत है.
रिपोर्ट- मदन