भारत और इजराइल को डिफेंस सेक्टर में अपनी ताकत बढ़ाने में बड़ी कामयाबी मिली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के बेड़े में एमआरएसएएम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) को शामिल किया। मध्यम दूरी के जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम की विशेषता है कि यह 360 डिग्री घूम कर हमला कर सकती है। देश की पश्चिमी सीमा पर सटे जैसलमेर सैन्य क्षेत्र में हुए एक कार्यक्रम में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘वायुसेना को MRSAM सौंपने के साथ, हमने प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। ये एयर डिफेंस सिस्टम गेम चेंजर साबित होगा।’
उन्होंने कहा कि किसी भी चुनौती से निपटने के लिए देश के सुरक्षा ढांचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है। एक मजबूत सेना की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा और समग्र विकास में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि भारत जल्द ही रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ डिफेंस सिस्टम का मैनुफैक्चरिंग हब भी बन जाएगा।
MRSAM सिस्टम के जरिए सामने से आ रहे किसी भी लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, यूएवी, सब सोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को तबाह किया जा सकता है। ये मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाले कई टारगेट को तबाह करने में सक्षम है। ये मिसाइल स्वदेशी तकनीक पर आधारित रॉकेट मोटर की मदद से संचालित होती है।
इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि ये सिस्टम वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगा। वहीं, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी MRSAM सिस्टम तैयार करने वाली टीम को बधाई दी।