RANCHI: झारखण्ड मंत्रालय के सभागार में प्रधानमंत्री
आवास योजना (शहरी) के सामाजिक अंकेक्षण के तहत
राज्य स्तरीय सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न निकायों के
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से जुड़े मुद्दों पर
ज्यूरी सदस्यों द्वारा चर्चा की गयी और उनके निष्पादन
के लिए संबधित निकायों के नगर आयुक्त , कार्यपालक
पदाधिकारियों और निकाय की टीम को आवश्यक निदेश दिये गए.
सामाजिक अंकेक्षण के होंगे दूरगामी परिणाम: सचिव
राज्य स्तरीय सुनवाई कार्यक्रम में ज्यूरी की अध्यक्षता
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे
द्वारा ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने
बताया गया कि किसी भी सरकारी योजना के क्रियान्वयन
में पारदर्शिता मूल मन्त्र होना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी )
के तहत किये गए सामाजिक अंकेक्षण कार्य की सराहना की.
उन्होंने जन सुनवाई के महत्व , दूरगामी प्रभाव और
इसके फलाफल पर प्रकाश डाला. उन्होंने सुझाव दिया
कि सोशल ऑडिट में निकाय स्तर पर चिह्नित मुद्दों को
अविलम्ब समाधान किया जाए तथा लाभुकों को आवास
के साथ ही मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
इसके बाद नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक
आदित्य कुमार आनंद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी )
के तहत किये गए सामाजिक अंकेक्षण कार्य की
विस्तृत प्रक्रिया एवं मुद्दों की समीक्षा की गयी.
इसके साथ ही जिन मुद्दों का निष्पादन ससमय नहीं किया गया है. वैसे कर्मियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
16 नगर निकायों में किया गया सोशल ऑडिट
आवासन एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन के संबंध में योजना का लक्षित लाभ सही लाभुकों तक पहुंचे एवं इसका प्रभाव समाज में किस तरह का हुआ ,
ये सब उद्येेश्यों को सरकार के नजर में लाने के लिए पीएम आवास योजना (शहरी) का सोशल ऑडिट अनिवार्य है. इस हेतु नगरीय प्रशासन निदेशालय द्वारा सोशल ऑडिट यूनिट , जे एस एल पी एस , ग्रामीण विकास विभाग को राज्य के 16 नगर निकायों यथा रांची , देवघर , मानगो, मेदिनीनगर , चास ,धनबाद, साहिबगंज , कोडरमा , मधुपुर , दुमका , बासुकीनाथ , गढ़वा , लोहरदगा , सिमडेगा , रामगढ एवं चक्रधरपुर में 3760 आवासों का सोशल ऑडिट किया गया है.