रामगढ़ : मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाले एम्बुलेंस में लंबे-लंबे घास निकल गया है.
लगभग 15 वर्षों से एक ही जगह पड़े-पड़े जंग लग गया.
लाखों रुपए की लागत वाले एम्बुलेंस क्यूं खड़ा है इसके बारे में किसी को पता नहीं है.
15 साल से मांडू सीएचसी में खड़ा है एम्बुलेंस
जब कोई इंसान बीमार पड़ जाता है तो लाइफ लाइन कही जाने वाला
वाहन एम्बुलेंस काफी मददगार साबित होता है,
लेकिन लाखों रुपये की लागत वाला एम्बुलेंस खुद अपने हाल में आंसू बहा रहा है.
यह नजारा है रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मांडू का है,
जहां लगभग 15 साल पहले चमचमाती एम्बुलेंस को आम लोगों के लिए जिला स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा दिया गया था. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह एम्बुलेंस कभी यूज ही नहीं हुआ.
लोग विभाग पर लगा रहे आरोप
अस्पताल में एम्बुलेंस आने के बाद से यह एक ही जगह पड़े-पड़े जंग लग गया. यही नहीं एम्बुलेंस के चारों और लंबी-लंबी घास निकल गयी है. शीशे टूट गए है. इस मामले में मांडू विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी शाहिद सिद्दीकी का कहना है कि यह क्षेत्र काफी सुदूरवर्ती है. इस एम्बुलेंस का उपयोग होना चाहिए था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह एम्बुलेंस खड़े-खड़े बेकार हो गया है. यह घोर लापरवाही है.
सीएचसी कर्मियों को एम्बुलेंस के बारे में नहीं है जानकारी
वहीं दूसरी ओर पूरे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों को इस एंबुलेंस के बारे में पता नहीं है. सीएचसी के मेडिकल ऑफिसर डॉव विक्रम से पूछने पर गोलमटोल जवाब देते हुए बताया कि यह बहुत पुराना एम्बुलेंस है. आपलोग खुद जांच कर लीजिये क्यूं खड़ा है, हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
सरकारी पैसों का दुरुपयोग !
बहरहाल एक ओर जहां केंद्र व राज्य की सरकारें आम व खास लोगों की सेहत को लेकर अरबों रुपये सालाना खर्च कर रही है, ताकि लोगों को इलाज के हरसंभव मदद मिल सके. वहीं दूसरी ओर लाखों रुपए की लागत से यह एम्बुलेंस खड़े-खड़े जंग लग जाना स्वास्थ्य विभाग पर कई सवालिया निशान खड़े कर रही है. जरूरत है ऐसे में जिला प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाने की, तभी ऐसे सरकारी पैसों के दुरुपयोग को होने से बचाया जा सकेगा.
रिपोर्ट: मुकेश सिंह