नालंदा : चार सूत्री मांग को लेकर पिछले एक माह से अधिक समय से जिले की सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं हड़ताल पर हैं। हड़ताल पर रहने वाली जिले की 38 सेविकाओं व तीन सहायिकाओं को सोमवार को चयनमुक्त कर दिया गया। चयनमुक्त की जानकारी मिलते ही जिले की सभी सेविका व सहायिका मंगलवार को आईसीडीएस कार्यालय पहुंच कर सामूहिक इस्तीफा देते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।
इस मौके पर नालंदा आगनबाड़ी सेविका व सहायिका संघ की जिलाध्यक्ष आशा कुमारी ने चार सूत्री मांग को लेकर नौ अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। सरकार हम पर दबाब देने के लिए बर्खास्त कर रही है। आज हमलोग सामूहिक रूप से अपना अपना इस्तीफा सौपने आए हैं। सरकार जब तक हमलोगों की बात नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
डीपीओ ने बताया कि उनके स्तर से आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष से हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौटने के संबंध में वार्ता की गई। लेकिन, हड़ताल से वापस लौटने को वे तैयार नहीं हुईं। इसके पहले सीडीपीओ स्तर से सेविकाओं से केंद्र बंद रखने पर दो बार स्पष्टीकरण किया जा चुका है। विभागीय आदेश पर महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा सेविकाओं के घरों व केंद्रों पर 24 घंटे में हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का आग्रह किया जा चुका है। लेकिन, सेविका-सहायिकाएं काम पर लौटने की बजाय हड़ताल पर डटी रहीं।
डीपीओ ने बताया कि निदेशालय द्वारा प्रेस मीडिया के माध्यम से भी दो बार सेविकाओं व सहायिकाओं को हड़ताल से काम पर लौटने की अपील की गई थी। काम पर नहीं लौटने पर कार्रवाई की गई है। इन केंद्रों की सेविकाएं चयनमुक्त हुईं।
रजनीश किरण की रिपोर्ट