Chaibasa: जिले के सदर अस्पताल में बहुत गंभीर मामला सामने आया है। थैलेसीमिया (रक्त रोग) से ग्रस्त बच्चों के खून में एचआईवी (HIV) संक्रमण पाए जाने का संदेह है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल जांच के आदेश जारी किए हैं। मामला तब सामने आया जब एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उनके बच्चे को कथित रूप से HIV संक्रमित खून चढ़ाया गया था। इस आरोप के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और शनिवार को झारखंड स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच टीम चाईबासा पहुंची।
प्रभावित बच्चों की उम्र लगभग 6 से 8 साल के बीचः
जांच टीम ने पता लगाया कि इस अस्पताल में 56 थैलेसीमिया मरीज हैं। जिनमें से 6 बच्चों के खून में HIV संक्रमण पाया गया है। इन सभी प्रभावित बच्चों की उम्र लगभग 6 से 8 साल के बीच है। वहीं यह मामला उस बच्चे से शुरू हुआ था, जिसके अभिभावक ने सबसे पहले संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप लगाया था।
जांच के दौरान सामने आया है कि एक्सपर्ट्स की पहले की जानकारी के अनुसार उस सात वर्षीय बच्चे को अब तक करीब 32 व्यक्तियों का रक्त चढ़ाया जा चुका है। अब उन सभी ब्लड डोनर की भी लाइन-लिस्टिंग की जा रही है और उनका ब्लड टेस्त किया जाएगा।
प्रभावित बच्चों के खून की दोबारा जांचः
मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त चन्दन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित बच्चों के खून की दोबारा जांच राज्य के अन्य बड़े अस्पताल जैसे एमजीएम अस्पताल और रांची मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कराई जाए, ताकि रिपोर्ट की पुष्टि हो सके। साथ ही यह आदेश भी दिया गया है कि इन बच्चों की निरंतर चिकित्सकीय निगरानी की जाए और उनकी स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित की जाए।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञानः
घटना को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान (SUO MOTO) लिया है और मामले की जांच को कहा है। जांच टीम ने अस्पताल के ब्लड बैंक में कई गड़बड़ियां पाई हैं और विभाग ने सुधार के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
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