रांची. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार (2006) मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन के आधार पर दायर की गई थी।
डीजीपी अनुराग गुप्ता को बड़ी राहत
मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजरिया की पीठ ने स्पष्ट किया कि “अवमानना याचिकाओं का उपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता साधने के लिए नहीं किया जा सकता है।” पीठ ने कहा कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति झारखंड सरकार द्वारा तय नियमों के तहत हुई है और इसमें सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश का उल्लंघन नहीं हुआ है।
याचिकाकर्ता का पक्ष
बाबूलाल मरांडी ने याचिका में यह आरोप लगाया था कि झारखंड सरकार ने पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा दिया। इसके स्थान पर अनुराग गुप्ता को “कार्यवाहक डीजीपी” नियुक्त कर दिया गया, जो 2006 के सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइंस का उल्लंघन है।
सरकार की दलील
झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति सेवा नियमों और प्रक्रिया के तहत हुई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश का उल्लंघन नहीं हुआ है।
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