Ranchi : झारखंड की राजनीति में एक नया प्रशासनिक घोटाला सामने आया है। कांके अंचलाधिकारी (C.O) जय कुमार राम पर पुश्तैनी जमीन की फर्जी जमाबंदी करने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर सीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
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पिठौरिया थाने का मामला
पिठोरिया निवासी मुस्तफा खलीफा ने कांके सीओ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने निजी स्वार्थ और लेनदेन के आधार पर उनकी पुश्तैनी जमीन की दोहरी जमाबंदी सलीमा खातून के नाम कर दी। यह जमीन मौजा-पिठोरिया, खाता संख्या-355, प्लॉट संख्या-786, 425 और 256 में स्थित है, जिसका कुल रकवा 4.49 एकड़ है। खतियान और रजिस्टर-II में यह जमीन हनीफ खलीफा के नाम पर दर्ज है।
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आवेदक का कहना है कि बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के, 3 अप्रैल 2025 को इस जमीन की फर्जी जमाबंदी की गई। जब उन्होंने हल्का कर्मचारी से जानकारी ली तो उसने स्पष्ट किया कि उसने ऐसी कोई अनुशंसा नहीं की और अपनी आपत्ति भी रिकॉर्ड में दर्ज कराई है।
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Babulal Marandi : बाबूलाल ने सीएम को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग
इतना ही नहीं, सीओ द्वारा निर्गत लगान रसीद के आधार पर स्थानीय दलाल अनिल राम और मो. शहीद ने जमीन पर जबरन कब्जा करने और उसे बेचने की कोशिश की। विरोध करने पर पीड़ित परिवार के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की गई, जिससे उन्हें इलाज कराना पड़ा।
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विवादित भूमि का मामला फिलहाल अनुमंडल न्यायालय में लंबित है (वाद संख्या 50/2024) और अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे रखा है। इसके बावजूद, सीओ द्वारा की गई कार्रवाई न्यायिक आदेश की अवहेलना के दायरे में आती है।
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी अंचलाधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में सख्त कदम उठाकर भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक उदाहरण पेश किया जाना चाहिए।
मदन सिंह की रिपोर्ट–
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