रांची: झारखंड में एक बार फिर सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। हटिया रैक से गेहूं लादकर एफसीआई गुमला डिपो के लिए रवाना हुआ ट्रक (संख्या: OD 16E-7853) नियमानुसार डिपो नहीं पहुंचा, बल्कि उसे कामडारा स्थित झारखंड राज्य खाद्य निगम (जेएसएफसी) के गोदाम के पास उतार दिया गया। यह खुलासा ट्रक चालक मधु ने स्वयं स्वीकार करते हुए किया। उसने बताया कि ट्रांसपोर्टर के निर्देश पर उसने गाड़ी सीधे कामडारा पहुंचाई।
नियमन का उल्लंघन और कालाबाजारी की मंशा स्पष्ट
इस मामले के उजागर होने के बाद झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड (जेएसएफसी) के प्रबंध निदेशक सत्येंद्र कुमार ने गुमला के परिवहन सह हथालन अभिकर्ता रामप्रसाद सोनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शोकॉज में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रैक से लोड ट्रक को एफसीआई डिपो के बजाय जेएसएफसी गोदाम के पास भेजना नियमों का उल्लंघन है और यह कृत्य खाद्यान्न की कालाबाजारी की मंशा को दर्शाता है।
मजदूरों के अधिकारों का भी उल्लंघन
एफसीआई के मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, रैक से लोड खाद्यान्न पहले एफसीआई डिपो में उतारा जाता है जहां मजदूर उसे खाली कर स्टैक लगाते हैं। इसके बाद पुनः मजदूरों द्वारा जेएसएफसी गोदाम के लिए लोडिंग होती है। इस प्रक्रिया से मजदूरों को दो बार काम और आय का अवसर मिलता है, लेकिन ट्रक को सीधे ब्लॉक में भेजने से उनका हक छीन लिया गया।
प्रशासन की सख्ती और चेतावनी
जेएसएफसी के एमडी ने कहा है कि विभागीय मिलीभगत के बिना इस तरह की व्यापक कालाबाजारी संभव नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषी ट्रांसपोर्टर के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो विभाग को आंदोलनात्मक रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
यह मामला राज्य में खाद्यान्न वितरण प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है और मजदूरों तथा जरूरतमंदों के अधिकारों के हनन की एक और शर्मनाक तस्वीर पेश करता है।