Wednesday, July 9, 2025

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Breaking: सिद्धारमैया सरकार का बड़ा फैसला, जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस ली

Desk. बड़ी खबर कर्नाटक से है। प्रदेश की सिद्धारमैया सरकार ने सीबीआई को जांच के लिए दी गई सहमति वापस ली है। बताया जा रहा है कि आज सिद्धारमैया कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।

सिद्धारमैया सरकार का बड़ा फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ने गुरुवार को राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने का फैसला किया। साथ ही सीबीआई पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्री एचके पाटिल ने मीडिया को जानकारी दी।

यह फैसला तब लिया गया है, जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने बुधवार को लोकायुक्त पुलिस को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) साइटों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों के संबंध में जांच करने का आदेश दिया है।

सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें

अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) के तहत जांच करने के निर्देश जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को जांच रिपोर्ट 24 दिसंबर तक दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वह जांच से नहीं डरते हैं। उन्होंने कहा, ”मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। मैं जांच से नहीं डरता। उन्होंने कहा कि मैं कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हूं। मैंने ये बात कल भी कही थी और आज भी दोहरा रहा हूं।”

उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) अधिनियम, 1988 की धारा 17ए के तहत जांच की मंजूरी देने के राज्यपाल के 16 अगस्त के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। राज्यपाल की मंजूरी कार्यकर्ता प्रदीप कुमार एसपी, टीजे अब्राहम और स्नेहमयी द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के जवाब में थी। कृष्णा ने मुख्यमंत्री पर मुडा के बहुमूल्य भूखंडों के अवैध आवंटन से लाभ उठाने का आरोप लगाया।