रांची: वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बयान दिया है कि केंद्र सरकार के पास बकाया राशि और केंद्र की योजनाओं के मद में 35 हजार करोड़ रूपय के भुगतान के लिए बार-बार अनुरोध करपा पड़ रहा है।
वित्त मंत्री ने इस विषय पर सभी संबंधित तथ्यों को उजागर किया और झारखंड को भी हानि होने की संभावना बताई। उन्होंने इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया।
वित्त मंत्री ने विभिन्न संख्यात्मक तथ्यों के माध्यम से स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और उसके अधीनस्थ उपक्रमों के पास बकाया राशि है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बकाया राशि की संख्याओं को उजागर किया जैसे कि लैंड रिफॉर्म मद में 80 हजार करोड़, कॉमन कॉज मद में 35 हजार करोड़ रुपए और बिजली विभाग के 1779 करोड़ रुपए आदि।
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने राज्य सरकार को बकाया राशि की वसूली के लिए वैधानिक तरीका मौजूद है और इसमें विलंब हो सकता है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग के साथ मिलकर बकाया राशि की रिपोर्ट तैयार की जा रही है और उसके आधार पर डिमांड तय की जाएगी।
वित्त मंत्री ने जनता को भरोसा दिलाया है कि सरकार धीरे-धीरे बकाया राशि को लौटाएगी और उसके लिए कोई सवाल नहीं छोड़ेगी। वे केंद्र और राज्य सरकार के मध्य बातचीत को प्रोत्साहित करते हुए इस मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
इस खबर के अनुसार, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अपने भाषण में संख्यात्मक तथ्यों का प्रयोग किया और सरकारी योजनाओं और उपक्रमों के बकाया राशि के मुद्दे को उजागर किया। उन्होंने सरकारी और राज्य सरकार के बीच सही और वैधानिक तरीके से समस्या का समाधान ढूंढने की उम्मीद कराई।