पटना : हिंदू धर्म में हर साल दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है। चैत्र मास में आने वाली छठ को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। चैती छठ लोकआस्था का महापर्व है, जो खासतौर पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। खासकर, दोनों छठ पूजा बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान सूर्य और छठी मैय्या को समर्पित यह व्रत चार दिनों तक मनाया जाता है। बता दें कि अभी पूरे देश में चैत्र नवरात्रि का भी पर्व चल रहा है आज यानी एक अप्रैल को मां दुर्गा का तीसरा दिन है।
Highlights
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चैती छठ की शुरुआत होती है
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चैती छठ की शुरुआत होती है जो कि आज यानी मंगलवार एक अप्रैल से शुरू हो रही है। इसका समापन सप्तमी तिथि के दिन पूरे श्रद्धा भाव के साथ होता है। नहाय खाय के साथ शुरू होने ये महापर्व कब खत्म होने वाला है।
पहले दिन नहाय खाय
चैती छठ पूजा का पहला दिन एक अप्रैल 2025 मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर भोजन ग्रहण करते हैं। इसे नहाय खाय कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रती अपने शरीर और मन को शुद्ध करते हैं, ताकि वे अगले तीन दिनों के कठिन व्रत को विधिपूर्वक कर सकें।
दूसरे दिन खरना
चैती छठ पूजा का दूसरा दिन यानी दो अप्रैल 2025 बुधवार को मनाया जाएगा, जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को सूर्य देव की पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन करते हैं। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।
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तीसरे दिन संध्या अर्घ्य
चैती छठ पूजा का तीसरा दिन यानी तीन अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती शाम के समय किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
चौथे दिन सुबह का अर्घ्य
चैती छठ पूजा का आखिरी दिन यानी चार अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद बांटकर अपने व्रत का पारण करते हैं।
आज से 4 दिन तक चलने वाला चैती छठ की हुई शुरुआत
आपको बता दें कि चार दिनों तक चलने वाला चैती छठ की शुरुआत आज से नहाए खाय से शुरू हो गई है। वहीं पटना के कई घाटों पर छठ व्रतियों ने गंगा स्नान किया। नहाए खाय से इस व्रत की शुरुआत होती है। बताते चलें कि छठ पर्व को लेकर घाटों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही साथ छठव्रती को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसका भी खास ख्याल रखा गया है। छठ को लेकर कई घाटों को बनाया जा रहा है ताकि छठव्रती घाट पर जाकर अपना अर्ध्य दे सके।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट