Chaibasa: जिले के सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को HIV संक्रमित खून चढ़ाने का मामले पर राज्य सरकार ने तेजी से कार्रवाई करने का संकेत दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर जानकारी दिया कि इस मामले में जिले के सिविल-सर्जन सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया गया है।। साथ ही प्रत्येक प्रभावित बच्चे की परिवार को 2-2 लाख सहायता राशि दी जाएगी और बच्चों का पूरा इलाज राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा।
उच्चस्तरीय जांच समिति का किया गया था गठनः
मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच टीम चाईबासा पहुंची थी। जांच टीम ने पता लगाया कि इस अस्पताल में 56 थैलेसीमिया मरीज हैं। जिनमें से 6 बच्चों के खून में HIV संक्रमण पाया गया है। इन सभी प्रभावित बच्चों की उम्र लगभग 6 से 8 साल के बीच है। वहीं यह मामला उस बच्चे से शुरू हुआ था, जिसके अभिभावक ने सबसे पहले संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप लगाया था।
जांच के दौरान सामने आया है कि एक्सपर्ट्स की पहले की जानकारी के अनुसार उस सात वर्षीय बच्चे को अब तक करीब 32 व्यक्तियों का रक्त चढ़ाया जा चुका है। अब उन सभी ब्लड डोनर की भी लाइन-लिस्टिंग की जा रही है और उनका ब्लड टेस्त किया जाएगा।
प्रभावित बच्चों के खून की दोबारा जांचः
घटना को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान (SUO MOTO) लिया था और मामले की जांच का आदेश दिया। जांच टीम ने अस्पताल के ब्लड बैंक में कई गड़बड़ियां पाई हैं और विभाग ने सुधार के लिए कार्रवाई शुरू की।मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त चन्दन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को उन सभी संक्रमित बच्चों के खून की दोबार जांच राज्य के अन्य बड़े अस्पताल जैसे एमजीएम अस्पताल और रांची मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कराने का निर्देश दिया था।
अस्पताल और रक्तदान व्यवस्था पर उठे सवाल :
इस मामले में ब्लड बैंक की प्रक्रियाओं में भी खामियां पाई गई हैं। अस्पताल और रक्तदान व्यवस्था के संचालन पर सवाल उठे हैं। अब निलंबन का आदेश और सहायता राशि के निर्देश से यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार पूरी घटना को गंभीरता से ले रही है।
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