मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा राजकीय उर्दू पुस्तकालय Patna के नए भवन का उद्घाटन
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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी Patna में स्थित अशोक राजपथ में राजकीय उर्दू पुस्तकालय के नए भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजकीय उर्दू पुस्तकालय Patna का जायजा लिया। ज्ञातव्य है कि राजकीय उर्दू पुस्तकालय की स्थापना वर्ष 1938 में की गई थी। यह पुस्तकालय प्रदेश के उर्दू भाषा प्रेमियों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों के लिए अध्ययन और शोध का एक प्रमुख केंद्र रहा है। पुस्तकालय में उर्दू, हिंदी एवं अंग्रेज़ी भाषा में विविध विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय में कुल 10 (दस) बल स्वीकृत है।
स्वीकृत एवं कार्यरत बलों की विवरणी निम्न प्रकार है
इस पुस्तकालय में कुल 1,057 (एक हजार सन्तावन) स्थायी सदस्य है, जिन्हें एक समय में दो पुस्तकें 15 दिनों के लिए ले जाने की अनुमति दी जाती है। यहाँ उर्दू लिपि के अतिरिक्त हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, फारसी एवं अरबी भाषा में भी किताबें मौजूद है। इस पुस्तकालय में लगभग 40,000 (चालिस हजार) पुस्तकें उपलब्ध है। इस पुस्तकालय में उर्दू लिपि के अतिरिक्त अंग्रेजी एवं हिन्दी लिपि की पुस्तकें भी उपलब्ध है। उर्दू में शायरी, अदब, नावेल, मेडिकल साइंस, इतिहास, अर्थशास्त्र, भूगोल, गणित, तर्कशास्त्र, कानून आदि विषयों की किताबें एवं मैग्जीन संग्रहित है।
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यहाँ डीएलएड, स्नातक, स्नातकोत्तर, सामान्य प्रतियोगिता सहित उर्दू विषय में प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित पुस्तकें मौजूद है। सामान्य प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित कई विषयों की पुस्तकें तथा वर्ग-3 से वर्ग-12 तक NCERT की पुस्तकें, पुस्तकालय विज्ञान, पत्रकारिता आदि की पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण एवं प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु हिन्दी, अंग्रेजी तथा उर्दू की पत्रिकाएँ प्रत्येक माह आती है तथा प्रतिदिन हिन्दी, अंग्रेजी एवं उर्दू की अखबारें नियमित रूप से ली जाती है।
उर्दू छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सामान्य अथवा गैर उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं के लिए प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित लाभदायक पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय स्थापना वर्ष से अर्थात् 1938 ई से अबतक की उर्दू अखबरों का दुर्लभ संग्रह इस पुस्तकालय में उपलब्ध है, जिसे शोधकर्ताओं द्वारा आवश्यकतानुसार खोज किये जाने पर उन्हें उपलब्ध कराया जाता रहा है। इस पुस्तकालय में The Collected Works of MAHATMA GANDHI की 84 पुस्तकें एवं अन्य दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है। कई राज्यों से शोधकर्ता एवं विद्यार्थी इस पुस्तकालय में आते है।
यहाँ उर्दू, हिन्दी तथा अंग्रेजी लिपि में साहित्य, इतिहास, भुगोल, अर्थशास्त्र, कानून, यूनानी चिकित्सा विज्ञान एवं धार्मिक पुस्तकें सहित सामान्य प्रतियोगिता संबंधी पुस्तकें तथा पत्रिकायें मौजूद हैं। पुस्तकालय में पुस्तकों की अधिकता तथा अध्ययनकर्त्ताओं / शोधकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा राज्य स्कीम अन्तर्गत इस पुस्तकालय के भवन निर्माण हेतु 3,07,31,000/- (तीन करोड़ सात लाख इकतीस हजार) रू की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी थी।
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वर्त्तमान में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लि के माध्यम से शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकालय हेतु नवनिर्मित G+4 भवन तैयार करा दिया गया है। फर्नीचरों एवं उपस्करों की आवश्यकतानुसार व्यवस्था कर ली गयी है। इस कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, विधायक अरूण कुमार सिन्हा, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद नीरज कुमार, विधान पार्षद रविन्द्र प्रसाद सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, पथ निर्माण विभाग के सचिव बी कार्तिकेय धनजी, शिक्षा विभाग के सचिव दिनेश कुमार
Patna प्रमंडल के आयुक्त डॉ चन्द्रशेखर सिंह, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक, Patna के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम, Patna के वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार, राजकीय उर्दू पुस्तकालय के चेयरमैन अरशद फिरोज, राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविन्द कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे। इस समारोह का आयोजन शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। यह उर्दू राजकीय पुस्तकालय अब छात्र- छात्राओं के पठन पाठन के लिए तैयार है।
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