पटना: राजधानी पटना में स्थित जन सुराज के कार्यालय में सोमवार को जन सुराज के प्रदेश सचिव सरवर अली, प्रवक्ता प्रीती निधि और ने एक प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जम कर हमला बोला। प्रेस वार्ताओं को संबोधित करते हुए प्रवक्ताओं ने राज्य सरकार पर जातिय गणना और भूमि सर्वे को लेकर जम कर हमला किया। प्रदेशसचिव सरवर अली ने कहा कि जब हम किसी दावे की सच्चाई जानना चाहते हैं तो सर्वे का एक सैंपल साइज काफी होता है। ऐसे में क्यों न मुख्यमंत्री के अपने गांव कल्याणबीघा को ही सैंपल मान लिया जाए और वहां की स्थिति देख ली जाए?
Highlights
गरीबी रेखा से नीचे 94 लाख परिवारों को 2 लाख देने का वादा हवा में
जातीय जनगणना में बिहार सरकार ने यह दावा किया था कि 94 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं और उन्हें 2-2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि अब तक एक भी परिवार को एक रुपया तक नहीं मिला है। CM CM CM CM CM CM
भूमि सर्वे के नाम पर ग्रामीणों में तनाव, ब्लॉक में घोटाला
भूमि सुधार और डिजिटल रिकॉर्ड की बात तो की जा रही है, लेकिन इसकी वजह से गांवों में भाई-भाई के बीच विवाद बढ़ गया है। ग्रामीण दस्तावेजों के लिए ब्लॉक के चक्कर काट रहे हैं और उनसे हज़ारों रुपये की मांग की जा रही है। लंबी लाइनों और एजेंटों की मिलीभगत से गांव के लोग परेशान हैं।
बिहार सरकार के दावों की असली तस्वीर कल्याणबीघा
प्रीति निधि ने कहा कि बीजेपी और महागठबंधन दोनों विकास की बात करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का अपना गांव ही अगर बदहाली में है, तो सोचिए बाकी बिहार का क्या हाल होगा। जन सुराज की टीम ने मांग की है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं करना बंद करे और ज़मीनी स्तर पर पारदर्शी ढंग से काम करे। कल्याणबीघा की तस्वीर ये बताने के लिए काफी है कि बिहार अब भी जमीनी विकास से कोसों दूर है।
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पटना से स्नेहा की रिपोर्ट