6 लाख से कम पैकेज देने वाली कंपनियों को नहीं मिलेगी इंट्री, जानें कहां

पटना : पटना NIT के डॉयरेक्टर प्रदीप कुमार जैन ने एक बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि छह लाख से कम पैकेज वाले कंपनी को पटना के NIT इंजीनियरी कॉलेज में एंट्री नहीं मिलेगी। साथ ही कहा कि नए शिक्षा नीति के तहत एख साल के कोर्स पूरा होने पर IIT का सर्टिफिकेक्ट मिलेगा। दो साल का कोर्स पूरा होने पर डिप्लोमा का सर्टिफिकेक्ट मिलेगा। जो स्टूडेंट पढ़ाई किसी भी कारण से छोर कर चले जाएंगे वो कभी भी फिर से इंजीनियरिंग का कोर्स ज्वाइन कर सकते है। यह नई शिक्षा नीति वर्तमान केंद्र सर्कारवने लागू किया है। NIT पटना के स्टूडेंट ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना किया।

देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे हो चुके हैं। तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय पटना एनआईटी के डायरेक्टर प्रदीप कुमार जैन ने कहां की शिक्षा नीति 20-20 को मूर्त रूप लिए तीन वर्ष हो गए। तीन वर्ष में हमने लंबा बात पूरा किया है। अभी यह पूरा नहीं है बहुत सारी कमियां है। इन सब के बारे में चर्चा करने के लिए भारत सरकार ने अखिल भारतीय शिक्षा संगम एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करने का निर्णय लिया है। जिसमें देशभर के 5000 शिक्षाविद एकत्रित होने की संभावना बताई जा रही है। जिसका उद्घाटन 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10:30 बजे करने का काम करेंगे। इसका वेबकास्ट पूरे भारतवर्ष में किया जाएगा इस दो दिवसीय कार्यशाला में समानांतर सत्र भी चलाए जाएंगे।

पटना एनआईटी के डायरेक्टर ने कहा कि तीन वर्षो में हमने नई शिक्षा नीति को लेकर जो कार्य किया है वह आपसे शेयर किया है। एनआईटी के डायरेक्टर ने बताया कि पहले की जो शिक्षा नीति थी उसमें रिजिड थी उसमें कोई फ्लैक्सविलिटी नही थी। मान लीजिए किसी छात्र को बीच में शिक्षा छोड़कर जानी पड़ती थी तो वह हमेशा के लिए शिक्षा से अलग हो जाता था। वहीं अब नई शिक्षा नीति में पठन पाठन स्थानीय भाषा में हो और वह नीचे के वर्ग तक पहुंच सके। हमारी जो शिक्षा नीति है उसका गहन पहलू भी है कि हम शुरू से ही अपने छात्र को समाज से जोड़ने का काम करें।

डायरेक्टर ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा निति के तहत कई प्रकार के आमूल परिवर्तन किए गए है। एनईपी 2020 को भारत के केंद्रीय कैबिनेट ने 29 जुलाई 2020 को शुरू किया था। यह भारत की नई शिक्षा प्रणाली है। इसके पहले 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बदलती है, यह उससे अलग है। हम यदि छात्र-छात्राओं को इंजीनियर की डिग्री देते हैं और वो साल के अंत में वह किसी कारणवश छोड़ कर चला जाता है तो हम छात्र-छात्राओं को तो उसे सर्टिफिकेट कोर्स का प्रमाण पत्र दिया जाता है। दो साल के बाद छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा कोर्स का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। तीन साल में छात्र-छात्राओं को बीटेक डिग्री का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वहीं चार साल पूरा करने पर छात्र-छात्राओं को बीटेक डिग्री विथ रिशर्च का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

डायरेक्टर ने कहा कि एनआईटी पटना में पिछली बार केंपस प्लेसमेंट हंड्रेड परसेंट से अधिक था। पिछली बार पैकेजेस 11 लाख रुपए प्रति वर्ष था पर इस साल कम पैकेज वाले कंपनियों के लिए नो एंट्री है। सेमेस्टर से यह नई शिक्षा नीति वर्तमान केंद्र सरकार की नरेंद्र मोदी ने लागू किया है। इस विषय में जब NIT पटना के स्टूडेंट से बात किया गया तो सभी स्टूडेंट ने राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 की जमकर तारीफ की। साथ ही कहा इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रसंसा के लायक है। इससे उन स्टूडेंट का भविष्य उज्जवल होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर है।

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विवेक रंजन की रिपोर्ट

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