पटना : बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पूरे बिहार में माफियाओं का कब्जा है और मिलावटखोरी अपने चरम पर है। भाजपा-जदयू राज में समूचा बिहार 20 सालों से माफियाओं की गिरफ्त में है चारों ओर से बिहार को लूटा गया है कांग्रेस पार्टी ने 12 मफिया चिन्हित किए है। सरकार में आते मफिया मुक्त बिहार होगा और शुद्ध के लिए युद्ध होगा। चप्पे-चप्पे पर जाएंगे सारे माफिया मारे जाएंगे।साथ ही उन्होंने कहा कि मफिया के लिए हमरी सरकार में बस दो ही स्थान रहेंगे ये चुनाव उनको करना है या तो जहन्नुम या जेल। मफिया का मार्शला, माफिया के लिए दो उपाय पीठ पे गोली पेट पे लात।
1. माइक्रोफाइनेंस माफिया
सूदखोरी और महिलाओं के शोषण का संगठित रूप, कर्ज के बोझ में फंसी हुई लगभग एक करोड़ नौ लाख महिलाओं पर औसतन 30,000 का बकाया बताया जा रहा है। वसूली के नाम पर धमकी, अपमान और हिंसा की रिपोर्टें मिलती हैं। हमारी कार्रवाई तत्काल कर्ज-रोक प्रस्ताव, ऋण-रिकवरी में अवैध तरीकों पर कड़ी पुलिस और न्यायिक कार्रवाई, पीड़ित महिलाओं के लिए राहत और पुनर्वित्त कार्यक्रम और माफिया परिसंपत्तियों की कुर्की शामिल है।
2. भू माफिया
आम लोगों की जमीन, सरकारी व दान की जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री, दखल, बटाई और अवैध नामांतरण के माध्यम से कब्जा। राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के जाल की जानकारी। मुख्य घटना केंद्र पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और बोधगया शामिल है। हमारी कार्रवाई रिकॉर्ड-ऑडिट, नकली रजिस्ट्री रद्द, कब्जा मुक्तिकरण अभियान, तस्करी में लिप्त अधिकारियों पर सख्त जांच और ट्रांसपेरेन्सी पोर्टल पर जमीन के लेन-देन का सार्वजनिकरण।
3. बालू माफिया
गंगा, सोन, कोसी और गंडक नदियों के किनारे अवैध बालू खनन, रॉयल्टी चुराना और ट्रांसपोर्ट से काला धन। स्थानीय पुलिस, खनन विभाग और नेताओं की मिलीभगत के संकेत। प्रमुख ज़िले भोजपुर, बक्सर, सारण, रोहतास, पटना व लखीसराय शामिल है।
हमारी कार्रवाई नदियों के किनारे निगरानी, ड्रोन व सैटेलाइट निगरानी का इस्तेमाल, अवैध ट्रकों की जब्ती, और दोषी ठेकेदारी/परिवहन नेटवर्क पर कड़ी कानूनी कार्रवाई।
4. शराब माफिया
शराबबंदी या सीमाओं के बावजूद तस्करी नेपाल और उत्तर प्रदेश से आपूर्ति और स्थानीय नेटवर्क का धंधा। पुलिस, उत्पाद विभाग व स्थानीय राजनीतिक संरक्षण के संकेत। हमारी कार्रवाई सख्त सीमान्त निगरानी, ट्रांस-स्टेट संयुक्त जांच, तस्करी-रूट्स पर छापे, और अवैध स्टॉक व कारोबार का सीजर।
5. ठेका माफिया
सड़कों, पुलों, भवनों, जल-नल, बिजली और ग्रामस्तर पर योजनाओं में फर्जी ठेके, काम कम, भुगतान ज्यादा। नल-जल, हर घर बिजली, स्मार्ट मीटर और स्कूल भवन निर्माण से जुड़े गड़बड़झाले। हमारी कार्रवाई सार्वजनिक-खर्च का ऑडिट, ई-टेंडरिंग अनिवार्य, ठेकेदारों की क्षमता-परीक्षा, फेज्ड पेमेंट और फॉरेंसिक ऑडिट, भ्रष्ट ठेकेदारों पर प्रतिबंध व आपराधिक मुकदमा लगाना।
6. शिक्षा माफिया
स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक भर्ती, परीक्षा और मूल्यांकन में गड़बड़ी, फर्जी कॉलेज नेटवर्क। हालिया NEET–UG और UGC–NET पेपर लीक जैसे गंभीर आरोप। हमारी कार्रवाई परीक्षाओं की स्वतंत्र निगरानी, पेपर-सेक्योरिटी कठोर करना, फर्जी संस्थानों की सूची प्रकाशित कर उनका समापन, और दोषियों के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई।
7. भर्ती माफिया/पेपर लीक नेटवर्क
पुलिस, शिक्षक और क्लर्क जैसी भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक करने वाले नेटवर्क, राज्य और अन्य राज्यों से जुड़े तार। हमारी कार्रवाई फॉरेंसिक ऑडिट, भर्ती एजेंसियों की निगरानी, दोषियों के खिलाफ कठोर दंड और भर्ती प्रक्रियाओं का पूर्ण पारदर्शीकरण।
8. खनन माफिया
गया, नवादा, जमुई और रोहतास में अवैध कोयला व पत्थर खनन, ट्रकिंग-ट्रांज़िट नेटवर्क से जुड़ी अवैध आय। वन विभाग और ट्रांसपोर्ट से मिलीभगत के संकेत। हमारी कार्रवाई खनन लाइसेंस का रिव्यू, अवैध खनन-रूट्स पर रेड, परिवहन चेक-पोस्ट सुदृढ़ीकरण, और अवैध कमाई की कुर्की।
9. कांट्रेक्ट-कॉलिंग और स्यु्परी माफिया
हत्याएं, अपहरण, वसूली और विवादों के ‘ठेके’ देने वाले गिरोह, अब ये रियल एस्टेट व सरकारी ठेकों के पर्दे के पीछे छिपते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक इसकी जानकारी। हमारी कार्रवाई विशेष जांच टीमें, अंतर-राज्यीय समन्वय, गवाह संरक्षण, और दोषियों पर त्वरित अभियोजन।
10. ट्रांसफर–पोस्टिंग कमीशन माफिया
विभागीय अधिकारियों की पदस्थापना व स्थानांतरणों में रिश्वत का नेटवर्क, आईएएस/आईपीएस/इंजीनियरों तक असर। हालिया ईडी छापेमारी (संजय हंस नेटवर्क आदि) इससे जुड़ी घटनाओं का संकेत देती हैं। हमारी कार्रवाई स्थानांतरण-प्रक्रिया का पारदर्शीकरण, भ्रष्टाचार पर विशेष निगरानी, और रिश्वत लेने वाले अधिकारियों पर शून्य-सहन नीति।
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11. स्वास्थ्य माफिया
दवाइयों की खरीद, एम्बुलेंस-सर्विस, अस्पताल निर्माण और आपूर्ति-श्रृंखला में घोटाले, फर्जी मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग संस्थान। कोविड-काल में पीपीई/ऑक्सीजन आदि के घोटाले इसके उदाहरण रहे। हमारी कार्रवाई सार्वजनिक स्वास्थ्य खरीद में ई-टेंडर अनिवार्य, आपूर्ति-चेन का ऑडिट, और दोषी कंपनियों/व्यक्तियों पर दंडात्मक कार्रवाई व लाइसेंस रद्द।
12. मिलावट माफिया
दूध, पनीर, घी, फल-सब्ज़ियों सहित खाद्य-सामग्री में मिलावट और जहरीले केमिकल का उपयोग। हमारी कार्रवाई खाद्य सुरक्षा निरीक्षणों की संख्या व फोरेंसिक लैब क्षमताओं में वृद्धि, दोषियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई और उपभोक्ता जागरूकता अभियान।
संवाददाता सम्मेलन का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने किया
संवाददाता सम्मेलन का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने किया। संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, कोषाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता , मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़, ब्रजेश प्रसाद मुनन, सौरभ सिन्हा और ज्ञान रंजन मौजूद थे।
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सौरभ सिंह की रिपोर्ट
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